Surya Grahan 2023: साल का पहला हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कल,भारतीय खगोल प्रेमी निराश हैं यह नजारा देश में नहीं देख सकेंगे तीनों तरह के ग्रहण एक साथ दिखेंगे, इस वजह से इसे हाइब्रिड सोलर एक्लिप्स या संकर सूर्य ग्रहण कहा जाएगा, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा
19 Apr, 2023 07:12 PM
भोपाल। 20 अप्रैल को सूर्यग्रहण संकर या हाइब्रिड किस्म का होगा। यह दुर्लभ नजारा आसमान में दिखने वाला है। अगला हाइब्रिड सूर्यग्रहण 2031 में आएगा। यानी आठ साल इंतजार करना पड़ेगा। खास बात यह है कि एक क्षेत्र विशेष में यह ग्रहण पूर्ण या खग्रास सूर्यग्रहण होगा। वहीं, कुछ इलाकों में यह एन्यूलर या कुंडलाकार या वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। कुछ इलाकों के लिए आंशिक सूर्यग्रहण होगा। भारतीय खगोल प्रेमी जरूर इस बात से निराश हैं कि यह नजारा वे देश में नहीं देख सकेंगे।
विज्ञान प्रसारक सारिका ने बताया कि तीनों तरह के ग्रहण एक साथ दिखेंगे। इस वजह से इसे हाइब्रिड सोलर एक्लिप्स या संकर सूर्य ग्रहण कहा जाएगा। यह कितना दुर्लभ है, इसे इस तथ्य से समझा जा सकता है कि इस सदी में 224 सूर्यग्रहण होंगे। इनमें सात सूर्य ग्रहण ही हाइब्रिड होंगे। पिछला हाइब्रिड सूर्यग्रहण 10 साल पहले तीन नवंबर 2013 को हुआ था। वहीं, अगला हाइब्रिड सूर्यग्रहण 15 नवंबर 2031 को पड़ रहा है। यानी आठ साल इंतजार करना होगा।
ऑस्ट्रेलिया व दक्षिणी गोलार्द्ध में दिखेगा
यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इसे पश्चिम ऑस्ट्रेलिया के साथ ही दक्षिणी गोलार्द्ध में देखा जा सकेगा। सारिका का कहना है कि इस दुर्लभ सूर्यग्रहण में पूर्ण या वलयाकार ग्रहण की स्थिति को दुनिया के लगभग चार लाख से कुछ कम ही लोग देख सकेंगे। वहीं, लगभग 70 करोड़ लोग आंशिक सूर्यग्रहण देख सकेंगे। खग्रास/वलयाकार सूर्यग्रहण की सबसे लंबी अवधि एक मिनट 16 सेकंड की होगी और यह समुद्र से दिखेगा। जमीन पर सबसे लंबा खग्रास सूर्यग्रहण 1 मिनट 14 सेकंड का होगा, जिसे पूर्वी तिमोर से देखा जा सकेगा। एक्समोथ पेनिन्सुला, ऑस्ट्रेलिया में यह सिर्फ एक मिनट दिखाई देगा।
20 अप्रैल को कब-क्या होगा?
7:04 बजे आंशिक सूर्यग्रहण का चरण शुरू होगा
9:07 बजे खग्रास/कुंडलाकार सूर्य ग्रहण की शुरुआत होगी
10:47 बजे खग्रास/कुंडलाकार सूर्यग्रहण अपना वास्तविक आकार लेगा
12:29 बजे खग्रास/कुंडलाकार सूर्यग्रहण समाप्त होने लगेगा
1:29 बजे सूर्यग्रहण का आंशिक चरण भी समाप्त हो जाएगा।
क्या है हाइब्रिड सूर्य ग्रहण?
सारिका का कहना है कि पृथ्वी की परिक्रमा करते चांद जब सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है तो सूर्यग्रहण होता है। इस दौरान चांद पृथ्वी के नजदीक होता है तो सूर्य को पूरी तरह ढंक लेता है। उस भाग में खग्रास या पूर्ण सूर्यग्रहण दिखता है। यदि चंद्रमा दूर रहता है और सूर्य एक कंगन के रूप में चमकता दिखता है तो इसे वलयाकार या एन्यूलर सूर्यग्रहण कहते हैं। चंद्रमा न ज्यादा दूर हो और न ही ज्यादा पास तो हाइब्रिड सोलर एक्लिप्स की स्थिति बनती है।
Surya Grahan 2023: साल का पहला हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कल,भारतीय खगोल प्रेमी निराश हैं यह नजारा देश में नहीं देख सकेंगे तीनों तरह के ग्रहण एक साथ दिखेंगे, इस वजह से इसे हाइब्रिड सोलर एक्लिप्स या संकर सूर्य ग्रहण कहा जाएगा, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा
विदेश | ग्वालियर | 19 Apr, 2023 07:12 PM