टॉप न्यूज़

“ऑपरेशन अभ्यास” के तहत हुआ ब्लैक आउट; घरों, प्रतिष्ठानों व वाहनों की बत्ती बुझाकर देश की एकता के उजाले का दिया संदेश, सिविल डिफेंस में यह भी जताया कि आपात घड़ी में हम सब देश की रक्षा के लिये एकजुट हैं

सिविल डिफेंस “ऑपरेशन अभ्यास” में सुबह रासायनिक दुर्घटना से निपटने की ब्लैक आउट समाप्त होने के बाद नागरिकों ने भारत माता एवं वंदे मातरम् के जयकारे लगाए, तैयारियों की भी हुई मॉकड्रिल,

ग्वालियर शहर सहित जिले के सभी कस्बों व गाँवों में एक साथ घरों, प्रतिष्ठानों व वाहनों की बत्ती बुझाकर जिलेवासियों ने देश की एकता के उजाले का संदेश दिया। साथ ही यह भी जताया कि किसी भी आपात घड़ी में हम सब अपने देश की रक्षा के लिये सजग, सतर्क व एकजुट हैं। सिविल डिफेंस “ऑपरेशन अभ्यास” के तहत ग्वालियर नगर सहित सम्पूर्ण जिले में देर शाम ठीक 7.30 बजे सायरन बजते ही लोगों ने अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों व वाहनों की बत्तियाँ बुझा दीं। यह बत्तियाँ पुन: तब रोशन करीं जब दूसरा सायरन लगभग 7.42 बजे बजा। 

ग्वालियर के महाराज बाड़ा सहित अन्य बाजारों व कॉलोनियों में लोगों ने ब्लैक आउट समाप्त होने के बाद नागरिकों ने भारत माता एवं वंदे मातरम् के जयकारे लगाए। इससे पहले जब ब्लैक आउट का सायरन बजा तब सड़कों पर जा रहे लोगों ने अपने वाहन बंद कर सड़क किनारे खड़े कर दिए। इसी तरह सभी व्यवसाइयों व दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपनी दुकान की लाइटें बंद कर दीं। 

जिले के शहरी व ग्रामीण अंचल में ब्लैक आउट के बारे में दिन भर मुनादी होती रही। साथ ही आम चर्चा में भी लोगों ने एक-दूसरे को शाम को 7.30 बजे ब्लैक आउट के दौरान अपने घरों की लाइटें बंद करने के लिये प्रेरित किया। 

 ब्लैक आउट के दौरान कलेक्टर रुचिका चौहान एवं पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह सहित जिला प्रशासन व पुलिस सहित अन्य विभागों के अधिकारी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद रहे। 

 सुबह रासायनिक दुर्घटना से निपटने की तैयारियों की भी हुई मॉकड्रिल

रासायनिक दुर्घटना के समय आपदा प्रबंधन की तैयारियों की मॉकड्रिल भी बुधवार को ही की गई। इस दिन सुबह गोला का मंदिर - मुरैना रोड स्थित आईटीआई तिराहा पर कलेक्टर रुचिका चौहान एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह की मौजूदगी में इस मॉक ड्रिल को अंजाम दिया गया। 

जिला सेनानी आरडी सिंह होमगार्ड ने बताया कि मॉकड्रिल में दिखाया गया कि आईटीआई तिराहा के समीप एक अमोनिया टैंकर और एक यात्री बस टकरा जाते हैं। यह सूचना जिले की समस्त आपदा प्रबंधन सक्षम टीमों को दी जाती है। रासायनिक दुर्घटना के समय आपदा के आकलन के लिये प्राधिकृत डीआईडीई की टीम के द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया, जिसमें उनके द्वारा अमोनिया का रिसाव टैंकर से होना बताया गया। इस टीम द्वारा दी गई सलाह के अनुसार फायर ब्रिगेड की टीम को अमोनिया को टैंकर से घुलनशील किए जाने की कार्रवाई के लिए बुलाया गया। जिसमें फायर ऑफिसर उमंग प्रधान के नेतृत्व में दो फायर ब्रिगेड टीमों के द्वारा पानी के स्प्रे की कार्रवाई की गई, जिससे अमोनिया डायल्यूट हो गई। 

उसके बाद पुनः डीआईडीई की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर आपदा प्रबंधन टीम को कार्य के लिये सिग्नल दिया। जिस पर एसडीईआरएफ जिला ग्वालियर प्लाटून कमांडर सौरभ सिंह  के नेतृत्व में सर्च एंड रेस्क्यू की कार्रवाई कर टैंकर के ड्राइवर को फर्स्टऐड पोस्ट तक भेजा गया। 

इसके बाद मेडिकल टीम द्वारा उसका निरीक्षण कर बिरलानगर अस्पताल रवाना किया गया। जिसमें एंबुलेंस के रास्ते के लिए ग्रीन कॉरिडोर का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद एनडीआरएफ टीम द्वारा बस में फंसे हुए यात्रियों को फर्स्टऐड पोस्ट एवं राहत कैंप तक पहुंचाया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन पूर्ण किया गया। मॉक ड्रिल में बीएसएफ, सीआईएसएफ, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, मेडिकल बोर्ड, प्लाटून कमांडर पूजा परिहार, प्लाटून कमांडर अजय सिंह सिकरवार, प्लाटून कमांडर कौशल शर्मा, एएसआई हरिदास सेमिल, एएसआई  रंजीत सिंह हरसाना, हवलदार अनुदेशक  संजय सिंह राजावत, हवलदार स्टोरमैन  नरेश इटालिया शामिल रहे। 

ब्रिगेडियर रविंद्र गुरुंग, सदस्य, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार बृजेश जायसवाल, राज्य सलाहकार , आपदा प्रबंधन, मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह विभाग, भोपाल  सौरव सिंह, उप संचालक, मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह विभाग भोपाल के द्वारा मॉक ड्रिल कार्रवाई का निरीक्षण किया गया।