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मर्सीहोम का हो रहा कायाकल्प ; मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की मदद के लिये बढ़ रहे हैं हाथ, हाईकोर्ट के आदेश के पालन में कलेक्टर चौहान ने की विशेष पहल

प्रशासन की पहल पर समाज के सहयोग से मर्सीहोम का सौंदर्यीकरण व कायाकल्प हो रहा है, संभाग आयुक्त की पत्नी रुचि खत्री ने मर्सी होम के बच्चों को यूनीफॉर्म वितरित कीं

ग्वालियर। मर्सी होम में निवासरत मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को साफ-सुथरा व आकर्षक प्रेरणादायी वातावरण मिले, इस उद्देश्य से यहाँ के सम्पूर्ण परिसर का कायाकल्प किया जा रहा है। हाईकोर्ट द्वारा बाल देखरेख संस्थाओं के बच्चों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के संबंध में दिए गए आदेश के पालन में जिला प्रशासन की पहल पर समाज के सहयोग से मर्सीहोम का सौंदर्यीकरण व कायाकल्प हो रहा है। कलेक्टर रुचिका चौहान इस काम पर स्वयं नजर रख रही हैं। 

 संभाग आयुक्त मनोज खत्री की धर्मपत्नी रुचि खत्री सोमवार को कलेक्टर रुचिका चौहान के साथ मर्सी होम पहुँचीं और यहाँ के रहवासी बच्चों को यूनीफॉर्म व परिधान वितरित किए। कलेक्टर  चौहान ने बताया कि मर्सी होम के रहवासी बच्चे अच्छे स्कूलों की तर्ज पर एक समान यूनीफॉर्म में रहें। इस उद्देश्य से समाजसेवियों के सहयोग से यहाँ के बच्चों को कपड़े उपलब्ध कराने की पहल हुई है। बहुत से सेवाभावी नागरिक स्वेच्छा से इस काम में सहयोग के लिये आगे आए हैं। 

 कलेक्टर चौहान ने बताया कि मर्सी होम परिसर की दीवारों का रंग-रोगन कर व आकर्षक एवं प्रेरणादायी पेंटिंग कर सजाया व सँवारा जा रहा है। दीवारों पर इस प्रकार की पेंटिंग बनाई जा रही हैं, जिससे मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों में आत्मविश्वास की भावना जागृत हो। 

बाल देखरेख संस्थाओं में रह रहे बच्चों को अवसाद की स्थिति से निकालने के तथा उन्हें यह महसूस करवाने के लिए समाज ने उन्हें अलग-थलग नहीं किया है। आप सब भी समाज की मुख्य धारा में समाहित होने के लिए हर तरह से काबिल हैं। इस उद्देश्य से ग्वालियर जिले में प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। कलेक्टर ने ऐसे बच्चों की आवश्यक सहायता तथा सहयोग के लिए समाज के जिम्मेदार और साधन सम्पन्न व्यक्तियों का सहयोग लेने के लिये विभागीय अधिकारियों से कहा है। समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों में प्रशासनिक अधिकारी, चार्टड अकाउंटेंट, डॉक्टर, वकील व पेशेवर व्यवसायी हो सकते हैं। समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों को बाल देखरेख संस्थाओं के बच्चों की जरूरतों व उनके विकास में सहयोग करने की जिम्मेदारी दिलाने के प्रयास किए जायेंगे। प्रयास ऐसे होंगे, जिससे जरूरतमंद बच्चों का जीवन स्तर ऊँचा उठे और उन्हें खुशहाल जीवन जीने के लिए अच्छा माहौल मिले।