
ग्वालियर। सभी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम में आपात स्थिति को ध्यान में रखकर स्वास्थ्य सेवायें चाक-चौबंद रखें। साथ ही हर अस्पताल व नर्सिंग होम में आपात स्थिति के लिये बैड आरक्षित करें। दवाओं व ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था रहे। सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन सिस्टम का तकनीकी परीक्षण भी करा लें। यदि अस्पताल के पास एम्बूलेंस है तो उसमें भी ऑक्सीजन आदि सहित सभी उपकरण पूरी तरह चालू हालत में रहें। यह बात कलेक्टर रुचिका चौहान ने प्राइवेट अस्पताल व नर्सिंग होम संचालकों की बैठक में कही। उन्होंने कहा सभी अस्पताल व नर्सिंग होम अग्निशमन यंत्रों की पर्याप्त व्यवस्था रखें और इनके संचालन का प्रशिक्षण भी स्टाफ को दिलाएं।
कलेक्टर ने बैठक में जानकारी दी कि प्राइवेट अस्पताल व नर्सिंग होम में उपलब्ध सेवाओं की जानकारी प्राप्त करने एक फॉर्मेट तैयार कराया है। इस फॉर्मेट में सही-सही जानकारी भरकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को उपलब्ध कराने के लिये उन्होंने कहा, जिससे आपात स्थिति में अस्पतालों की क्षमताओं का उपयोग जनहित में हो सके। उन्होंने अस्पताल व नर्सिंग होम संचालकों का आह्वान करते हुए कहा आप सबने जिस तरह कोविड महामारी के दौरान सेवाभाव के साथ बेहतर कार्य किया था। उसी तरह वर्तमान में संभावित आपात स्थिति के दौरान भी देश के साथ एकजुटता का परिचय देकर सहयोग के लिये आगे आएं।
शुक्रवार को ठाठीपुर स्थित ओल्ड जिला पंचायत परिसर में स्वास्थ्य विभाग के सभागार में आयोजित बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव, नर्सिंग होम एसोसिएशन के डॉ. राकेश रायजादा, ग्वालियर नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सीपी बंसल व आईएमए के अध्यक्ष डॉ. बृजेश सिंघल सहित ग्वालियर के विभिन्न नर्सिंग होम व अस्पतालों के संचालक एवं प्रतिनिधि मौजूद थे।
सभी नर्सिंग होम व अस्पतालों में सायरन भी लगवाएं
कलेक्टर रुचिका चौहान ने बैठक में कहा कि सभी प्राइवेट नर्सिंग होम व अस्पतालों की छत पर सायरन अवश्य लगवाएं जाएं। जिससे आपात स्थिति में आसपास की बसाहटों को सायरन बजाकर सतर्क किया जा सके। उन्होंने कहा यदि सायरन उपलब्ध न हों तो अस्थायी तौर पर एम्प्लीफायर से जोड़कर लाउड स्पीकर भी लगाए जा सकते हैं। सायरन शुरू करने के लिये किसी कर्मचारी को भी अधिकृत करें और उसका टेलीफोन नम्बर कंट्रोल रूम में उपलब्ध कराएं।
CMHO ऑफिस में हर दिन CPR का प्रशिक्षण दिया जायेगा
संभावित आपात स्थिति को ध्यान में रखकर ठाठीपुर में पुराने जिला पंचायत परिसर में स्थित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन), ऑर्थोपेडिक एवं मेडीकल से संबंधित अन्य प्राथमिक उपचार के संबंध में प्रशिक्षण दिया जायेगा। अवकाश के दिनों को छोड़कर प्रतिदिन अपरान्ह 3 से 4 बजे तक यह प्रशिक्षण दिया जायेगा।
कंट्रोल एण्ड कमाण्ड सेंटर में एम्बूलेंस उपलब्ध रहेंगीं
आपात स्थिति को ध्यान में रखकर मोतीमहल स्थित स्मार्ट सिटी कार्यालय परिसर में कंट्रोल एण्ड कमाण्ड सेंटर बनाया गया है। इसका टेलीफोन नम्बर 0751-2646606 है। इस कंट्रोल रूम में सर्वसुविधायुक्त 108 एम्बूलेंस उपलब्ध रहेंगीं। आपात स्थिति में कंट्रोल रूम के नम्बर पर फोन कर एम्बूलेंस की सहायता प्राप्त की जा सकेगी।
ग्वालियर हाई अलर्ट पर;हर स्थिति से निपटने हम तैयार है
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर ग्वालियर शहर हाई अलर्ट पर है सभी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल कंप्लीट कर ली गई है। ग्वालियर जिला किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। ग्वालियर रेंज के आईजी अरविंद सक्सेना ने बताया कि दरअसल ग्वालियर शहर दुश्मन देश के लिए आंख की किरकिरी है, क्योंकि ग्वालियर में ही एयर फोर्स का महत्वपूर्ण स्टेशन है। लगभग 30 किमी दूरी पर बीएसएफ का बेस कैंप भी यहीं पर है। इसके अलावा डीआरडीओ का भी महत्वपूर्ण ऑफिस ग्वालियर में है। इसलिए दुश्मन देश की नजर में ग्वालियर शहर है। ऐसे में पूरे ग्वालियर जिले में हाई अलर्ट है पुलिस प्रशासन मुस्तादी के साथ एक-एक एक्टिविटी पर नजर रखे हुए हैं। ग्वालियर शहर का स्मार्ट सिटी के ऑफिस में इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर से ग्वालियर शहर की निगरानी रखी जा रही है और स्वास्थ्य विधाओं को भी दुरुस्त कर लिया गया है। ग्वालियर की हाई राइज बिल्डिंग पर भी इमरजेंसी सिचुएशन से निपटने के भी पूरे इंतजाम रखे गए हैं। ग्वालियर एयरपोर्ट पर फिलहाल डॉमेस्टिक फ्लाइट्स का संचालन रोका गया है। कुल मिलाकर ग्वालियर शहर में सुरक्षा के इंतजाम कर लिए गए हैं सिविल डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से एक्टिवेट है। ग्वालियर शहर में एक साथ ब्लैकआउट किया जा सके इसके लिए जगह-जगह सायरन आदि का प्रबंध किया जा रहा है।