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नागरिक सुरक्षा को लेकर अधिकारियों का प्रशिक्षण ; कृषि विवि में आज शाम 5 बजे होने वाले प्रशिक्षण में सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहेंगे

कैडिटों ने किया फायरिंग का अभ्यास, ड्रिल भी सीखी, कैम्प कमांडेन्ट कमांडर-एट-आर्म्स ने कैडिटों को मोटीवेशनल स्पीच दी, नोसैनिक शिविर की तैयारी कर रहे कैडिटों को तैराकी का प्रशिक्षण भी दिया

ग्वालियर। विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को 12 मई को नागरिक सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस दिन यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में शाम 5 बजे आयोजित होगा। कलेक्टर  रुचिका चौहान ने सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को इस प्रशिक्षण में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। 

 कैडिटों ने किया फायरिंग का अभ्यास, ड्रिल भी सीखी

 एनसीसी नेवल यूनिट के वार्षिक प्रशिक्षण के छठवे दिन नेवल यूनिट के एनसीसी कैडिट को फायरिंग का अभ्यास कराया गया। साथ ही कैडिट्स ने ड्रिल भी सीखी। ग्वालियर के विद्या भवन पब्लिक स्कूल में 3 मप्र नेवल यूनिट एनसीसी द्वारा वार्षिक प्रशिक्षण शिविर चल रहा है। 6 मई से शुरू हुआ यह शिविर 15 मई तक चलेगा। इसमें 135 बॉयज एनसीसी कैडेटस तथा 98 गर्ल्स कैडिट भाग ले रहे है। यह शिविर कैडेटस के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के साथ-साथ उनमें नेतृत्व क्षमता एवं अनुशासन विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित किया है। 

शिविर के छठवें दिन सुबह  शारीरिक व्यायाम का प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद कैडिटों को ड्रिल का अभ्यास पीआई स्टाफ  द्वारा कराया गया जो कि सभी प्रकार के नोसैनिक कंप्टीशन के लिये आवश्यक है। ड्रिल रिपब्लिक डे परेड में की जाती है इसलिये कैडिटों को ड्रिल की बारिकियों से अवगत कराया। ड्रिल अभ्यास के बाद कैडिटों को एसएएफ मैदान पर फायरिंग की बारीकियाँ सिखाईं गईं और फायरिंग का अभ्यास भी कराया गया। इसमें कैडिटों ने अत्यंत उत्साह से भाग लिया और दिए गये लक्ष्य पर निशाने साधे। फायरिंग का समस्त अभ्यास नेवल चीफ इंस्ट्रक्टर मुकेश कुमार, पीओ (जीडब्ल्यू) पीआई स्टाफ अशोक सिंह तथा पीआई स्टाफ बाबूलाल के मार्गदर्शन में हुआ।  

इस अवसर पर शिविर कैम्प कमांडेन्ट कमांडर-एट-आर्म्स दीपक सिंह भदौरिया के द्वारा कैडिटों को मोटीवेशनल स्पीच दी गई जो कि कैडिटों के निकट भविष्य में कैरियर संवर्धन में सहायक होगी। डिप्टी कैम्प कमांडेन्ट ले. कमांडर अखिल शर्मा ने जीवन में अनुशासन के महत्व पर संबोधन दिया। उन्होने बताया कि, जीवन में आगे बढने के लिए अनुशासन की नितांत आवश्यकता होती है।

 दोपहर में विभिन्न विषयों जैसे नेवल कम्यूनिकेशन, नेवीगेशन, शिप मॉडल (पोत प्रतिरूप) का निर्माण तथा नेवल सिग्नेलिंग की कक्षाओं का आयोजन किया गया।  

इसके बाद कैडिटों को मिलिट्री अस्पताल मुरार से कैप्टन वरिन्दा शर्मा के द्वारा गंभीर जानलेवा बीमारियों जैसे कि कैंसर, एड्स/एचआईवी, थैलीसीमिया तथा सिकल सैल एनीमिया के बारे में व्याख्यान दिया गया। उन्होनें कैडिटों को इन बीमारियों कारक व कारणों को विस्तार से बताया तथा इसकी रोकथाम तथा बचाव के उपाय भी बताए गए।

दोपहर बाद में विद्या भवन स्कूल परिसर में स्थित स्विमिंग पूल में नोसैनिक शिविर की तैयारी कर रहे कैडिटों को तैराकी का प्रशिक्षण दिया गया। स्विमिंग इंस्ट्रक्टर सब लेफ्टिनेंट सचिन पाल एवं कैम्प कमांडेन्ट के मार्गदर्शन में दिया गया। 

शिविर में शाम को विभिन्न खेलों का आयोजन शिविर परिसर में किया गया । रात्रि में शिविर में विभिन्न देशभक्ति पूर्ण चलचित्रों के मुख्य अंशों का प्रदर्शन किया गया, जिससे कैडिटों को सेना में शामिल होने की जानकारी मिल सके।


ग्वालियर एयरपोर्ट पर तीन दिन बाद रनवे पर फिर फ्लाइट का  संचालन शुरू , एयरपोर्ट की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है

  राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट फिर आम यात्रियों के लिए खोल दिया गया है। पहली फ्लाइट दिल्ली से आई। इसके बाद मुम्बई और बैंगलुरू से आने और जाने वाली फ्लाइट का संचालन किया गया। 6-7 मई की दरमियानी रात ऑपरेशन सिंदूर के बाद से इस एयरपोर्ट को यात्री फ्लाइट के लिए बंद कर दिया था। हालांकि एयरपोर्ट के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। एयरपोर्ट तक सिर्फ टिकट ले चुके यात्री ही पहुंच सकते हैं।

कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इसके बाद भारत और पाक के बीच तनाव बढ़ गया था। जिसे देखते हुए राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट की सभी उड़ानों को 7 से 10 मई तक  रद्द कर दिया  था। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने निर्णय लिया था कि ग्वालियर एयरपोर्ट से सभी नागरिक और वाणिज्यिक उड़ानों का संचालन नहीं किया जाएगा। यह फैसला महाराजपुरा एयरफोर्स स्टेशन पर हाईअलर्ट के चलते लिया था। यह एयरपोर्ट उड़ान संचालन के लिए भारतीय वायुसेना के महाराजपुरा एयरबेस के रनवे का उपयोग करता है। यह एयरबेस लड़ाकू विमानों के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करता है। तीन दिन बाद ग्वालियर के एयरपोर्ट पर संचालन शुरू तो हो गया है, लेकिन एयरपोर्ट के रास्तों पर कड़ी चेकिंग की जा रही है। एक किमी दूर से ही पुलिस चेकिंग कर रही है। एयरपोर्ट के अंदर आने और जाने की इजाजत सिर्फ यात्रियों को ही है।

ग्वालियर एयरपोर्ट से अभी दिल्ली, मुम्बई और बैंगलुरू के लिए सीधी फ्लाइट्स चल रही हैं। इन तीन शहरों के लिए फ्लाइट का संचालक शुरू हो गया है। इस मामले में एयरपोर्ट डायरेक्टर के अनुसार 9 मई तक सुरक्षा कारणों के चलते एयरपोर्ट बंद था। अब  फ्लाइट का नियमित संचालन शुरू हो गया है।