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आदर्श गौशाला में वैदिक ग्रीष्मकालीन शिविर: पर्यावरण अनुकूल होकर हर उत्सव में बच्चों ने सीखे "इको भवन” और “गणेश भगवान”

बच्चों के लिए यह शिविर न केवल स्वास्थ्य और आत्मिक शुद्धता को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि जीवन के प्रति पर्यावरण-मित्र दृष्टिकोण भी विकसित कर रहा है

ग्वालियर।  गौशाला में वैदिक ग्रीष्मकालीन शिविर के पांचवें दिन शुक्रवार की शुरुआत एक ऊर्जावान योग सत्र से हुई, जिसका संचालन मुकेश गोस्वामी जी ने किया। उन्होंने खेल-खेल में योग को सरल और आनंददायक रूप में बच्चों को सिखाया, जिससे बच्चों में ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार हुआ।

वही शिविर के दूसरे सत्र में सीमा कालिया जी ने प्रेरणादायक कहानियों  के माध्यम से बच्चों को मुक्तकंठ से उद्घोष करने के लिए प्रेरित किया, जिससे उनका आत्मविश्वास और उत्साह और भी बढ़ा। दिन का मुख्य आकर्षण रहा “इको भवन  और गणेश  भगवान की प्रतिमाओं का ” निर्माण, जहाँ कुमारी पल्लवी यादव एवं कुमारी राधिका तायल ने बच्चों को गोबर और मिट्टी से भगवान गणेश की पर्यावरण-अनुकूल प्रतिमा बनाना सिखाया। यह रचनात्मक गतिविधि बच्चों में न केवल पर्यावरणीय भवन  ऊर्जा  संरक्षण  की चेतना जगाती है। बच्चों ने इस सत्र में पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और अपनी रचनात्मकता को मूर्त रूप देते हुए आत्मनिर्मित प्रतिमाएँ बनाईं। 

गौशाला में वैदिक ग्रीष्मकालीन यह शिविर न केवल स्वास्थ्य और आत्मिक शुद्धता को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि जीवन के प्रति पर्यावरण-मित्र दृष्टिकोण भी विकसित कर रहा है।

शिविर के लिए स्कूली छात्रों का चयन प्रतियोगिता से किया

बता दे कि लाल टिपारा मुरार स्थित आदर्श गौशाला ग्वालियर में 5 मई से सात दिवसीय ग्रीष्मकालीन वैदिक शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर का उद्घाटन सत्र में प्रदेश के एडीजी  राजाबाबू सिंह की उपस्थित में हुआ। इस सात दिवसीय ग्रीष्मकालीन वैदिक शिविर में भाग लेने के लिए विभिन्न स्कूलों में कक्षा 5 से 9 तक के छात्रों के बीच ड्राइंग, कविता एवं निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की गई । प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले  छात्रों को अंतिम चयन के लिए सूचीबद्ध किया था। इनमें से छात्रों का चयन उचित प्रणाली के माध्यम किया  है। यह शिविर का आयोजन पर्यावरणीय चेतना, ऊर्जा स्वराज और सतत विकास की दिशा में एक सार्थक पहल है। आदर्श गौशाला सतत ऊर्जा व संरक्षण के क्षेत्र में अपनी भूमिका को और भी सशक्त बना रही है।है।