
ग्वालियर। महिला एवं बाल विकास विभाग एवं सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड डवलपमेंट द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान पर संकल्प कार्यक्रम केआरजी कॉलेज में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में लगभग 250 छात्राओं ने भाग लिया एवं बाल विवाह की रोकथाम के लिए अपनी भागीदारी के लिये शपथ भी ली।
संकल्प कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संस्था की प्राचार्य डॉ. साधना श्रीवास्तव, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. संगीता सोमवंशी उपस्थित थीं। कार्यक्रम में सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड डवलपमेंट के ब्लॉक समन्वयक एवं सफल युवा मंडल के अध्यक्ष अरविंद कुशवाह ने कहा कि देश में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता की महती आवश्यकता है। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत दण्डनीय अपराध है। बाल विवाह में किसी भी रूप में शामिल होने अथवा सेवा देने पर दो साल की सजा हो सकती है। बाल विवाह में बाराती और लड़की पक्ष के लोगों के अलावा हलवाई, साज-सज्जा करने वाले, माली, बैंड वालों के साथ ही मैरिज गार्डन मालिक और पंडित एवं मौलवी को भी अपराध में संलिप्त माना जायेगा।
कार्यक्रम में संस्था की प्राचार्य डॉ. साधना श्रीवास्तव ने उपस्थित छात्राओं को बाल विवाह मुक्त भारत की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों की जिम्मेदारी है कि वे बाल विवाह को रोकें और लोगों को इसके प्रति जागरूक करें। कार्यक्रम के अंत में महिला एवं बाल विकास विभाग के संदीप श्रीवास्तव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।