राजनीति

ग्वालियर फोर्ट को इंडिगो कंपनी को सौंपने का विरोध; काँग्रेस का जंगी प्रदर्शन; किलागेट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुरातत्व विभाग के अधिकारियों का घेराव कर ज्ञापन सौपा

उपनगर वासियों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश महासचिव के नेतृत्व में ऐतिहासिक किले को निजी हाथों में सौंपने का विरोध कर किलागेट पर जंगी प्रदर्शन कर घेराव किया

ग्वालियर के ऐतिहासिक किले को प्रदेश सरकार द्वारा निजी कंपनी को सौंपने के विरोध में काँग्रेस के प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा के नेतृत्व में  सैकड़ो अमजन एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुरातत्व विभाग के अधिकारियों का घेराव कर ज्ञापन सौंपा  एवं इस निर्णय को शीघ्र रद्द करने की मांग की गई ।

 कांग्रेस कार्यकर्ता किलागेट चौराहे पर एकत्रित होकर जुलूस के रूप में गुजरी महल स्थित पुरातत्व विभाग के कार्यालय पहुंचे । जुलूस को संबोधित करते हुए प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा ने कहा कि की ग्वालियर का किला ग्वालियर की ऐतिहासिक धरोहर है। कई समाज और धर्म की आस्थाएं जुड़ी हुई हैं, उनके इतिहास उनकी परंपराएं जुड़ी हुई है। व्यावसायिक उपयोग के लिए किसी भी शहर की आमजन का किसी समाज के इतिहास और गौरव का एवं उसकी संस्कृति का गला घोटना भाजपा की पुरानी आदत है। उन्होंने कहा कि ये व्यापारियों की सरकार है और भजपा क़ो जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि किले के महलों को होटल में तब्दील करने का भाजपा सरकार के नए प्रयास किया था, लेकिन जाट समाज के विरोध के कारण उनके यह मनसूबे कामयाब नहीं हो पाए और ना अब होने दिए जाएंगें। उन्होंने कहा कि  ऐतिहासिक धरोहर निजी हाथों में सौंपे जाने से किला गरीबों की पहुंच से दूर हो जाएगा। निजी कम्पनिया अपने फायदे के लिए किले कि गौरवशाली धरोहर से भी छेड़छाड़ कर सकती है। जिसे ग्वालियर किले से जुडे कई समाज के लोगों के भवनाएं जुड़ी है। ग्वालियर किले पर कई धार्मिक स्थल हैं । पहले भी सरकार द्वारा भीम सिंह राणा की छत्री पर भी होटल बनाने के प्रस्ताव का जनता के विरोध केकारण सरकार को वापस लेना पडा था। सरकार द्वारा ग्वालियर-चंबल अंचल के श्योपुर, बलदेवगढ़ एवं दतिया काराजगढ पैलेस भी पुरात्तव विभाग से लेकर पर्यटन विभाग को दिये थे, लेकिन आज वह जनता से तो दूर तो हो ही गयेहै और उनका कोई विकास कार्य भी नहीं हुआ है,उनकी बदहाल रिथत किसी से छिपी नही है।

किले से जुडी कई समाजों की भवनाओ की कद्र करे सरकार

काँग्रेस के प्रदेश महासचिव ने कहा कि हम सरकार से मांग करते है कि ग्वालियर की संस्कृति एवं विरासतको देखते हुऐ एवं किले से जुडी कई समाजों की भवनाओ एवं गरीब जनता का किले के प्रति प्रेम को 'देखते हुए ग्वालियर किले के स्वरूप से किसी भी तरह की कोई छेड-छाड ना की जाएं or इसको किसी निजी हाथों में ना सौपा जाये।

 ज्ञापन में मुख्य रूप से ओमप्रकाश राजपूत, मधु महेश्वरी, राजू भदौरिया, अशोक तैरेटीया, भानु व्यास, निर्मल शर्मा, अनिल शर्मा ,मुनेंद्र भदोरिया, राजेश खान ,लक्ष्मी नारायण , नवीन भटकारिया, पिंटू राजपूत ,मुन्नालाल खरे,  सुरेश प्रजापति राधेश्याम शर्मा,  संजय माहौर  मेहरबान यादव रामू कुशवाहा दीपक पचोरिया    कार्तिक झरकारीय बहादुर शाक्य संतोष भारती गजेंद्र आर्य, हरि वर्मा राजेंद्र बाथम,  अरुण यादव , मोहित दीक्षित, सुनील मोनू राठौर ,राकेश बाथम, मनीष जगरिया ,महेश आर्य  आदि बड़ी संख्या कांग्रेस जन मौजूद थे।थे।