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जल गंगा संवर्धन अभियान; जिले की सभी 263 ग्राम पंचायतों में तेजी से आकार ले रही हैं जल संरचनायें, ग्वालियर जिले में 1610 संरचनाओं का काम जारी, जन-भागीदारी को रात्रि चौपाल लगाकर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है

832 पुरानी जल संरचनाओं का काम भी पूरा कराया जा रहा है, जिला अब जल गंगा संवर्धन अभियान में 11वें पायदान पर आ गया है, मुहिम में जिले की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ है

ग्वालियर जिले की सभी 263 ग्राम पंचायतों में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल संरचनायें तेजी से आकार ले रही हैं। कार्यों में तेजी आने से इस अभियान में जिले की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। ग्वालियर जिला अब जल गंगा संवर्धन अभियान में 11वे पायदान पर आ गया है। कहीं पर खेत तालाब, कहीं पर अमृत सरोवर तो कहीं पर पुराने कुँओं के पुनर्भरण के लिये संरचनायें बनाई जा रही हैं। साथ ही पिछले वर्षों की जल संरचनाओं को पूरा करने का काम भी अभियान के तहत हो रहा है। जिले की 263 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में वर्षा जल सहेजने के लिये 1610 कार्य चल रहे हैं। इसके अलावा 832 पुरानी जल संरचनाओं को पूरा करने का काम भी प्रमुखता से कराया जा रहा है। 

जल गंगा संवर्धन अभियान में जन-जन की भागीदारी के उद्देश्य से रात्रि चौपाल लगाकर ग्रामीणों को जल संचय एवं उपयोग के संबंध में जागरूक किया जा रहा है। साथ ही जगह-जगह समूहों की बैठक लेकर ग्रामीणों को अपने गाँव की जल संरचनाओं को सहेजने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। 

जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी रविन्द्र सिंह जादौन ने बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ग्वालियर जिले की सभी ग्राम पंचायतों में कुल 854 खेल तालाब स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 794 खेत तालाबों का काम शुरू हो चुका है। इसी तरह जिले में 903 पुराने कुँओं को रीचार्ज करने के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 810 कुँओं को रीचार्ज करने के लिये संरचनायें बनाने का काम जारी है। जिले में 6 अमृत सरोवर भी स्वीकृत किए गए हैं। 

जिले में बड़े पैमाने पर बनाई जा रहीं जल संरचनायें जल संरक्षण व संवर्धन का काम तो कर ही रही हैं, साथ ही मछली पालन व सिंघाड़ा उत्पादन जैसी व्यवसायिक गतिविधियों के माध्यम से किसानों की अतिरिक्त आय का साधन भी बनेंगीं। खेत तालाबों व अमृत सरोवरों के किनारे वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के काम भी किए जायेंगे।