क्राइम

रामकृष्ण मिशन सचिव डिजिटल अरेस्ट केस में खुलासा: लखनऊ के इंडसइंड बैंक के खाते में ट्रांसफर हुए थे 30 लाख, बड़ी कार्यवाही में लखनऊ से दस अरोपी गिरफ्तार

रामकृष्ण मिशन के सचिव के साथ ढाई करोड़ की ठगी के प्रकरण में 09 आरोपियों को ग्वालियर पुलिस पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी है, आरोपी अपने नाम पर बैंक खाता खुलवाने वाले व्यक्तियों को सेविंग अकाउंट पर 30 हजार रुपये व करंट अकाउंट पर 01 लाख रुपये देते थे

ग्‍वालियर।  रामकृष्ण मिशन के सचिव  स्वामी स्वप्रदीप्तानंद के साथ डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ढाई करोड़ रुपए की ठगी की गई थी। इस प्रकरण में सायबर क्राइम विंग ग्वालियर ने कार्यवाही करते हुये पूर्व में अलग-अलग राज्यों से 09 आरोपियों को पहले ही  गिरफ़्तार किया जा चुका है। इस ठगी के मामले को गंभीरता से लेते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर धर्मवीर सिंह द्वारा  एएसपी श्रीकृष्ण लालचंदानी को क्राइम ब्रांच ग्वालियर की सायबर क्राइम विंग से  सायबर फ्रॉड में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही कर उन्हें पकड़ने के लिए निर्देशित किया। 

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों पर डीएसपी क्राइम नागेन्द्र सिंह  के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच निरीक्षक अमित शर्मा के द्वारा सायबर क्राइम प्रभारी  धर्मेन्द्र कुशवाह के नेतृत्व में सायबर क्राइम विंग की टीम को  सायबर फ्रॉड में शामिल आरोपियों की पतारसी कर उन्हें पकड़ने लगाया गया। दौराने विवेचना पुलिस टीम को ज्ञात हुआ कि फ़रियादी को डरा धमकाकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 30 लाख रुपये रुद्राक्ष एंटरप्राइज में स्थानातंरित कराये गये है। जिस पर से साइबर क्राइम की एक टीम को फर्म की जानकारी के लिए लखनऊ रवाना किया गया। पुलिस टीम जब लखनऊ पहुँची तो पता कि यह फर्म बंद हो चुकी है। जिस पते पर फर्म रजिस्टर्ड थी, वहां अब कोई फर्म नहीं है। पुलिस टीम द्वारा तकनीकी जानकारी एकत्रित कर बैंक के रिकवरी एजेंट बनकर अलग-अलग जगहों पर दो टीमें डिवाइड की गई, जिसमें से एक टीम निरीक्षक धर्मेंद्र कुशवाह व दूसरी टीम उपनिरीक्षक हरेंद्र सिंह राजपूत के नेतृत्व में लगाया गया।  दोनों टीमों द्वारा 03 दिनों तक फर्म के प्रॉपराइटर को तलाश किया गया। तलाशी के दौरान पुलिस टीमों द्वारा प्रॉपराइटर को लुखनऊ से अभिरक्षा में लिया। प्रॉपराइटर ने पूछताछ में अपना बैंक खाता 01 लाख रुपए में लखनऊ निवासी एक व्यक्ति को बेचना बताया। उस  प्रॉपराइटर की निशादेही पर बैंक खाता खरीदने वाले लखनऊ निवासी व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। पकड़े गये लखनऊ निवासी व्यक्ति की निशादेही पर पुलिस टीम ने उसके अन्य साथियों को हिरासत में लेकर ग्वालियर लाया गया। 

पकड़े गये आरोपीयों ने पूछताछ में बताया कि वह व्हाट्सऐप पर एक व्यक्ति को खाता बेचने व फ्रॉड की राशि निकालकर उसे यूएसडीटी में कन्वर्ट करके देश से बाहर भेजने का कार्य करते हैं। पुलिस टीम ने पकड़े गये आरोपीयों के पास से फ़र्जी बैंक खाता को ऑपरेट करने वाले मोबाइल सहित कुल 15 मोबाइल, एक लेपटॉप, बैंक पासबुक व चेक बुक ज़ब्त की गई है। इस प्रकरण में अभी तक कुल 19 आरोपियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। 

 ऑनलाइन ठगी मामले में पकड़े आरोपियों से पूछताछ जारी

ढाई करोड़ की ऑनलाइन ठगी के इस मामले में पकड़े गए सभी आरोपीयों से पूछताछ जारी है। पकड़े गये आरोपीयों से पूछताछ में ज्ञात हुआ है कि वह ऐसे लोगाें को तलाश करते थे जो फर्जी बैंक खाता अपने नाम पर खुलवाकर उनको दे सके। इसके लिये आरोपी बैंक खाता खुलवाने वाले व्यक्तियों को सेविंग अकाउंट पर 30 हज़ार रुपए व करंट अकाउंट पर 01 लाख रुपए देते थे। पकड़े गये सभी आरोपीयों द्वारा कई लोगों के बैंक खातों का उपयोग साइबर फ्रॉड में किया जा चुका है। पुलिस टीम द्वारा इन आरोपीयों को कोर्ट में पेशकर प्रकरण में विस्तृत पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया जायेगा।

*जब्त मशरूकाः-* 15 मोबाइल, एक लेपटॉप, बैंक पासबुक व चेक बुक किये जब्त किए हैं।  

सरहानीय भूमिका:-  थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच अमित शर्मा, सायबर क्राइम प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह कुशवाह, निरीक्षक रामबिहारी शर्मा, SI हरेन्द्र सिंह राजपूत,  धर्मेन्द्र शर्मा, रवि लोधी, कीर्ति अजमेरिया,  रजनी रघुवंशी, HC सुनील शर्मा, सतेंद्र राजावत,  सुरेंद्र तोमर, आरक्षक ओमशंकर सोनी, गौरव भदौरिया, सुमित भदौरिया, शिवशंकर शर्मा, श्यामू मिश्रा, अनुराग यादव, नवीन पराशर, आकाश पांडे, महिला आरक्षक सुनीता कुशवाह, मेघा श्रीवास्तव, साधना मिश्रा की सराहनीय भूमिका रही।रही।