
ग्वालियर। जिले के दूरस्थ गाँव धवा की सहरिया जनजाति बहुल बस्ती के स्कूल में गुरुवार को कलेक्टर रुचिका चौहान अलग ही अंदाज में नजर आईं। कलेक्टर रुचिका चौहान ने स्कूल में शिक्षक की भूमिका निभाकर बच्चों को गणित और हिंदी का पाठ पढ़ाया। साथ ही बच्चों को चॉकलेट व बिस्किट भी खिलाए। कलेक्टर को अपने गुरुजी के रूप में पाकर सभी बच्चे गदगद हो गए। कलेक्टर चौहान द्वारा प्रोत्साहित किए जाने पर बच्चों ने सवालों के सही-सही जवाब भी दिए।
सहरिया बहुल बस्तियों की समस्याओं को दूर करने एवं पीएम जनमन एवं धरती आबा अभियान के तहत चल रहीं गतिविधियों की जमीनी हकीकत जानने के उद्देश्य से कलेक्टर चौहान ने गुरुवार को डबरा जनपद पंचायत के ग्राम धवा पहुँची थीं। इस दौरान उन्होंने यहाँ के स्कूल में बच्चों को भी पढ़ाया। साथ ही ग्रामीणों से चर्चा कर उन्हें सरकार की योजनाओं के तहत मिल रहे लाभ के बारे में जानकारी ली। उन्होंने इस अवसर पर फार्मर आईडी, आधार पंजीयन व त्रुटि सुधार एवं ई-केवायसी कार्य का भी जायजा लिया।
कलेक्टर चौहान ने स्कूल के निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं, उनके लिये अतिरिक्त कक्षायें लगाई जाएं। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चों की रुचि को ध्यान में रखकर पढ़ाई के तरीके अपनाएं, जिससे वे नियमित रूप से पढ़ने आएं। इस मौके पर डबरा अनुविभागीय राजस्व अधिकारी दिव्यांशु चौधरी सहित अन्य अधिकारी साथ थे।
समय-सीमा में सेवाएँ न देना भारी पड़ा; कलेक्टर चौहान ने पाँच ग्राम पंचायत सचिवों पर लगाया अर्थदण्ड
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत निर्धारित समय-सीमा के भीतर संबंधित आवेदकों को सेवाएँ न प्रदान करना पाँच ग्राम पंचायतों के सचिवों को भारी पड़ा है। कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा इन ग्राम पंचायत सचिवों पर 10 हजार रूपए से अधिक का अर्थदण्ड लगाया है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कुलैथ के सचिव साबिर हुसैन द्वारा 10 आवेदनों का निराकरण समय-सीमा के एक दिन बाद किया गया। इस वजह से प्रति आवेदन 250 रूपए के हिसाब से उन पर 2500 रूपए का अर्थदण्ड लगाया है। इसी तरह ग्राम पंचायत रौरा के सचिव बलवीर सिंह लोधी पर एक हजार रूपए, ग्राम पंचायत केरूआ के सचिव रविन्द्र पाठक पर 1750 रूपए, ग्राम पंचायत सुपावली के सचिव शिवकुमार बघेल पर 3 हजार रूपए एवं ग्राम पंचायत गिजौरा के सचिव संतोष कुमार बघेल पर 2 हजार रूपए का अर्थदण्ड लगाया गया है।
इन पदाविहित अधिकारियों द्वारा समय-सीमा में जन्म प्रमाण- पत्र व विवाह पंजीयन आदि से संबंधित आवेदनों का निराकरण न किए जाने पर इन सभी को विधिवत कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। कारण बताओ नोटिस के जवाब समाधानकारक न पाए जाने पर कलेक्टर ने इन सभी पर अर्थदण्ड लगाया है।