
ग्वालियर। जिले में किसी भी वितरण केन्द्र पर किसानों को खाद-बीज मिलने में दिक्कत न हो। हर केन्द्र पर खाद वितरण की बेहतर से बेहतर व्यवस्था बनाएँ। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिले के सभी एसडीएम को दिए हैं। इस कड़ी में एसडीएम लश्कर नरेन्द्र बाबू यादव ने लक्ष्मीगंज स्थित कृषि उपज मंडी पहुँचकर खाद वितरण व्यवस्था का निरीक्षण किया।
कृषि उपज मंडी लश्कर में किसानों को जल्द से जल्द खाद उपलब्ध कराने के लिये विशेष व्यवस्था बनाई गई है। एसडीएम यादव ने बताया कि खाद वितरण केन्द्र पर टोकन व्यवस्था लागू कर दी गई है। साथ ही खाद वितरण से जुड़े सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर हाल में प्रात: 8.30 बजे तक वितरण केन्द्र पर पहुँच जाएँ और किसानों को टोकन वितरित कर दें। इन्हीं ओकन के आधार पर बारी-बारी से किसानों को खाद उपलब्ध कराया जाए।
आपदा प्रबंधन पर दो दिवसीय प्रशिक्षण मंगलवार से शुरू
ग्वालियर में आपदा प्रबंधन पर 8 व 9 अक्टूबर को स्वयंसेवी संस्थाओं के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। आपदा प्रबंधन संस्थान भोपाल व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में यूनीसेफ के सहयोग से यह दो दिवसीय प्रशिक्षण 8 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से जिला पंचायत के सभागार में दिया गया।
आपदा प्रबंधन संस्थान भोपाल के संयुक्त संचालक डॉ. जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि मंगलवार से शुरू हुए प्रशिक्षण में खासतौर पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, आपदा प्रबंधन नीति, भूकम्प आपदा प्रबंधन, अग्नि दुर्घटना प्रबंधन, सर्प दंश व आकाशीय बिजली से बचाव, प्राथमिक चिकित्सा व सीपीआर, आपदा के बाद पड़ने वाले मनोसामाजिक प्रभाव एवं उनसे बचने के उपाय सहित आपदा प्रबंधन में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका से संबंधित बातें बताई गई है।
फसलों को उचित पोषण देता है NPK उर्वरक; किसानों को एनपीके उर्वरक का उपयोग करने की सलाह
एनपीके उर्वरक फसलों के उचित पोषण का काम करता है। इस उर्वरक में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटास जैसे प्रमुख तत्व होते हैं। इसलिए किसान भाईयों को अपनी रबी की फसलों को एनपीके उर्वरक का उपयोग करना चाहिए। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग आरएस शाक्यवार ने यह सलाह जिले के किसान भाईयों को दी है।
उप संचालक कृषि ने बताया कि फसलों के उचित पोषण के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटास जैसे तीनों प्रमुख तत्व जरूरी हैं। दलहन एवं तिलहनी फसलों के पोषण में सल्फर की भी जरूरत होती है, जो सिंगल सुपर फास्फेट व ट्रिपल फास्फेट उर्वरक से एक साथ प्राप्त होते हैं। फसलों के सुचित पोषण में एनपीके उर्वरक संतुलन प्रदान कर पौधों के सर्वांगीर्ण विकास में सहायक है। डीएपी उर्वरक में केवल दो तत्व नाइट्रोजन एवं फास्फोरस ही पौधों को प्राप्त होते हैं।
फसलों की अच्छी वृद्धि और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान भाईयों से एनपीके 20:20:0, 20:20:0:13 व 12:32:16 एवं ट्रिपल सुपर फास्फेट (टीएसपी 48 प्रतिशत) जैसे उपयोगी एवं महत्वपूर्ण उर्वरकों का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील की गई है।