राजनीति

दिव्यांगों को मुख्यधारा से जोड़ने में स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जायेगा, दिव्यांगों में प्रतिभा की कमी नहीं है; मंत्री कुशवाह

मंत्री कुशवाह ने कहा कि देश का पहला दिव्यांगजन खेल परिसर का निर्माण ग्वालियर में किया गया है, यह भी विभाग की बड़ी उपलब्धि है

ग्वालियर/भोपाल। सामाजिक न्याय व दिव्यांगजन कल्याण एवं उद्यानिकी व खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा है कि दिव्यांगजनों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए आमजन के साथ स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य शासन अपनी योजनाओं के माध्यम से इस वर्ग को आगे लाने का कार्य कर रही है। सामाजिक भागीदारी से इस लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। कुशवाह ने यह बात भोपाल स्थित सामाजिक न्याय दिव्यांगजन कल्याण संचालनालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कहीं। कार्यक्रम में निर्धन वर्ग सामान्य जनकल्याण आयोग के अध्यक्ष शिवकुमार चौबे, मध्यप्रदेश परशुराम बोर्ड के अध्यक्ष विष्णु राजोरिया, प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा व  आयुक्त ई. रमेश कुमार सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।            

मंत्री कुशवाह ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के ऐसे चुनिंदा राज्यों में है, जिनमें सामाजिक न्याय और दिव्यांग कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सन् 2006 से प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना देश की एक आदर्श योजना बनी। इसके आधार पर अन्य राज्यों ने भी इस तरह की विवाह योजनाओं प्रारंभ की। मंत्री कुशवाह ने कहा कि दिव्यांगजनों में प्रतिभा की कमी नहीं है, आवश्यकता है उनको उचित अवसर मुहैया कराया जाने की है। दिव्यांगजन प्रतिभा को आगे लाने के लिए समाज की भागीदारी जरूरी है। इस क्षेत्र में सामाजिक संस्थाएं बेहतर कार्य कर सकतीं हैं। कुछ सामाजिक संस्थानों द्वारा उल्लेखनीय काम किये भी जा रहे हैं। उन्होंने दिव्यांग-जनों के लिए सुगम वातावरण निर्माण के क्षेत्र में देश में मध्यप्रदेश को प्रथम स्थान दिलाने के लिए विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी। मंत्री कुशवाहा ने दिव्यांगजनों के लिए खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता भी बताई। उन्होंने कहा कि देश का पहला दिव्यांगजन खेल परिसर का निर्माण ग्वालियर में किया गया है, यह भी विभाग की बड़ी उपलब्धि है।            

कार्यक्रम में विभिन्न संस्थाओं के श्रवण बाधित बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गईं। कार्यक्रम के अंत में विभाग से संयुक्त संचालक के पद पर सेवानिवृत हुई राज्यश्री राय को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।