
डबरा। मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण अपने घर से बिछुड़ चुकी प्रभुजी कलावती को तीन वर्षों बाद उनका परिवार मिला। यह मिलन न केवल भावनात्मक था, बल्कि मानवता और सेवा भावना की मिसाल भी बन गया।
प्रभुजी कलावती लगभग तीन वर्ष पूर्व अपने घर ग्राम एरई, जिला फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) से लापता हो गई थीं। 14 अगस्त 2023 को उन्हें ग्वालियर स्थित वन स्टॉप सेंटर ने सेवा व उपचार के लिए डबरा स्थित अपना घर आश्रम भेजा। आश्रम में प्रभुजी की सेवा व देखभाल निरंतर चल रही थी।
डबरा के एसडीएम दिव्यांशु चौधरी द्वारा आश्रम में रह रहे प्रभजनों के आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। जब कलावती जी के फिंगरप्रिंट लिए गए तो उनका आधार पहले से बना पाया गया, जिससे उनकी पहचान की प्रक्रिया संभव हुई। ई-प्रबंधक नीरज शर्मा द्वारा आधार की जानकारी निकालने पर पता चला कि वे उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के ग्राम एरई की निवासी हैं।
इस पते पर जब अपना घर की टीम ने संपर्क किया, तो यह जानकर परिजन भावुक हो उठे कि जो माँ उन्हें तीन वर्षों से नहीं मिल रही थी, वह सकुशल मिल चुकी हैं। खोजबीन की तमाम कोशिशों के बावजूद असफल रहे परिजन अब स्वयं डबरा पहुंचे।
सोमवार को आज आश्रम परिसर में एसडीएम डबरा दिव्यांशु चौधरी और ग्वालियर डीएफओ अनुराधा पाण्डेय की उपस्थिति में कलावती जी का उनके बेटे शिवशंकर और दामाद से भावुक मिलन हुआ। माँ-बेटे की यह मुलाकात वहाँ मौजूद सभी लोगों की आँखें नम कर गई।
कलावती जी अब अपने परिजनों के साथ अपने गृह ग्राम के लिए रवाना हो गईं। यह संपूर्ण घटनाक्रम न केवल प्रशासन की संवेदनशीलता, बल्कि "अपना घर" जैसे सेवा-स्थलों की प्रासंगिकता और सेवा भावना को दर्शाता है।है।