
ग्वालियर। जिले के प्रवास पर आई “स्नेह यात्रा” पांचवे दिन "सर्व खलविंद ब्रह्म" के मूल मंत्र के साथ संगीत सम्राट तानसेन की नगरी बेहट से आगे बढ़ी। यात्रा के शुभारंभ अवसर पर संतश्री स्वामी मुदितवदनानंद ने कहा कि भारत भूमि देवो की भूमि है कण-कण में देवता हैं। हमारे एवं सभी जीव के भीतर भी दिव्य ज्योति है, वही ईश्वर है।
उन्होंने कहा कि हम सब एक हैं। सभी को आपस में मिलजुलकर और खुशी पूर्वक रहना चाहिए। हम सभी को समाज में समरसता लाने के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहिए। हम सब ऋषि संतान हैं सभी आपस में भाईचारा बनाए रखें।
जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक धर्मेन्द्र दीक्षित ने स्नेह यात्रा का उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह यात्रा सामाजिक सदभाव व सामाजिक समरसता के लिये निकाली जा रही है। इस यात्रा में नवांकुर संस्थाओं, पतंजलि योग समिति, जिला योग समिति, प्रस्फुटन समितियों का भरपूर सहयोग व समर्थन मिल रहा है।
ग्वालियर जिले में चल रही स्नेह यात्रा पांचवे दिन बेहट के बाद गूंजना, घुसगवां, रनगवां, जिगनिया, चक गुंधारा व मटकापूरा होते हुए ग्वालियर वापस पहुंची। यात्रा मार्ग पर जगह जगह ग्रामीणों ने यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इस दॊरान चयनित ग्रामों में संवाद कार्यक्रम भी आयोजित हुए ।
इस अवसर रमन शिक्षा समिति के अध्यक्ष हरिओम गॊतम व जिला योग प्रभारी दिनेश चाकणकर तथा सर्वश्री उल्फत सिंह कुशवाह, हरिकंठ बघेल, लाखन सिंह, अजमेर सिंह गुर्जर, पतंजलि योग समिति के जयदयाल शर्मा, पुष्पेंद्र शर्मा, रुस्तम सिंह गुर्जर, संजय गुप्ता, नंदकिशोर गुर्जर, ऋषिकेश वशिष्ठ, नंदकिशोर गुप्ता आदि उपस्थित थे।