
ग्वालियर। नगर निगम की लालटिपारा गौशाला का एक निजी स्कूल के छात्रों ने भ्रमण किया। इस दौरान संत ऋषभदेवानंद महाराज से उन्होंने गौमाता का हमारे जीवन में कितना उपयोग है इसकी जानकारी ली। साथ ही वहां पर गौमाता के बच्चों के साथ खेला भी, इसके साथ ही उन्होंने गाय के गोबर से बन रही बायोगैस को भी देखा।
प्रदेश की सबसे बडी लालटिपारा गौशाला का मांउट लिटिरा जी स्कूल के छात्रों ने भ्रमण किया। छात्रों ने वहां पर संत ऋषभदेवानंद से सनातनधर्म के बारे में जाना । साथ ही उन्होंने यह भी जाना कि गौमाता का वर्तमान समय में हमारे जीवन में कितना उपयोग है। इसके साथ ही बच्चों को यह भी बताया गया कि गाय के गोबर से जहां बेहतर खेती होती है, वहीं दूध बच्चों और मनुष्यों के लिए बहुत उपयोगी है। देशी गाय का दूध पीने से बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है, साथ ही यह मानसिक विकास में भी बहुत सहायक है। इसके साथ ही बच्चों को गाय के गोबर से बन रही गैस से किचिन में खाना पकाते हुए भी दिखाया गया। जिसे देखकर बच्चे भी आश्चर्यचकित हुए।
नन्हे बछडों के साथ नन्हें मुन्नों ने खेला खेल
लालटिपारा गौशाला में करीब आधा सैकडा गाय के छोटे-छोटे बछडें हैं, इन बछडों को उछल-कूद करते देख बच्चे काफी प्रसन्न हुए। गाय के बछडों के साथ बच्चे खेलते नजर आए। इसके साथ ही गौशाला में बच्चों ने नन्दू नामक देशी सांड को भी देखा जो कि कद काढी में करीब 6 फीट उंचा है।