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अपराधों के रोकथाम में नवाचार के लिए MP पुलिस को प्रथम पुरस्कार, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने किया सम्मानित नई दिल्ली में बीते दिनों आयोजित कांफ्रेंस में जेल एवं फॉरेंसिक विभाग को द्वितीय और प्रॉसीक्यूशन को तृतीय पुरस्कार,

28 Dec, 2023 04:48 PM

भोपाल राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश पुलिस को डिजीटल क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं इंटर आपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) का उपयोग करते हुए अपराधों की रोकथाम करने के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। मध्य प्रदेश पुलिस को आईसीजेएस (इन्टर-आपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) के क्रियान्वयन में सराहनीय कार्य के लिए देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर ट्रॉफी प्रदान की गई। इसके साथ ही प्रदेश की फॉरेंसिक शाखा को देशभर में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।

नई दिल्ली में 21-22 दिसंबर 2023 को आयोजित "Conference on Good Practices in CCTNS/ICJS, 2023" में यह पुरस्कार दिया गया। मुख्य अतिथि इंटेलिजेंस ब्यूरो के वर्तमान निदेशक तपन कुमार डेका,  विवेक गोगिया (महानिदेशक, एनसीआरबी) सहित सभी राज्यों के प्रतिभागी उपस्थित थे।

डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने इस उपलब्धि पर एडीजी (एससीआरबी) चंचल शेखर एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी। उल्लेखनीय है कि डीजीपी द्वारा आईसीजेएस के अधिक से अधिक कारगर उपयोग के लिए समय-समय पर मैदानी अमले को निर्देशित किया जाता रहा। नियमित समीक्षा भी की जाती रही। डीजीपी सक्सेना ने कहा कि भविष्य में इसी प्रकार से अपराधों की विवेचना एवं पतारसी में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर अपराधों की रोकथाम करते हुए मध्य प्रदेश पुलिस को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएं।

महत्वपूर्ण तकनीक है आईसीजेएस

इन्टर-आपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) सर्वोच्च न्यायालय की ई-कमेटी की एक पहल है। यह आपराधिक एवं न्यायिक प्रणाली को त्वरित एवं पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह एक ऐसी प्रणाली है, जिस पर पुलिस, जेल, फॉरेंसिक, प्रॉसीक्यूशन एवं न्यायिक विभाग आपस में जुड़े हैं। मुख्यतः आईसीजेएस एक एकीकृत पोर्टल है जो पुलिस, जेल, फॉरेंसिक, प्रॉसीक्यूशन और न्यायिक विभागों को एक संयुक्त स्थानीय न्यायिक प्रणाली में जोड़ता है, जो अपराधों की विवेचना और उनके खिलाफ कार्रवाई में सुधार करने में मदद करता है। इस प्रणाली का उद्देश्य अपराधों की रोकथाम, जांच और न्यायिक प्रक्रिया में सुधार करना है, ताकि विभिन्न संगठनों और विभागों के बीच सहयोग और कार्यप्रणाली में सुधार हो सके। इसका उद्देश्य अपराधों के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई में तेजी, पारदर्शिता और नागरिकों को बेहतर न्याय पहुंचाना है।

नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है एसीआरबी

मध्यप्रदेश में आईसीजेएस के क्रियान्वयन में राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (एससीआरबी) नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है। एससीआरबी सभी पिलर्स के नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करता है, ताकि आईसीजेएस का सुचारू संचालन किया जा सके एवं शीघ्रता से अपराधों की विवेचना और न्यायिक प्रक्रिया का क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके। एसआरबी द्वारा सभी पिलर्स की मासिक बैठक लेकर समस्याओं का समाधान करने के साथ ही इनकी रिपोर्ट माननीय उच्च न्यायालय की ई-कमेटी को प्रेषित की जाती है।

अपराधों के नियंत्रण में MP पुलिस का उत्कृष्ट प्रदर्शन 

एनसीआरबी द्वारा पूरे देश में घटित अपराध एवं अपराधियों से संबंधित मामलों की सतत मॉनिटरिंग की जाती है। एनसीआरबी की वार्षिक रिपोर्ट में यह बताया जाता है कि पूरे देश में किस राज्य द्वारा आईसीजेएस के माध्यम से अधिक से अधिक अपराधियों की खोजबीन की गई एवं अन्य पिलर्स के द्वारा समन्वय स्थापित कर अपराधों की रोकथाम में क्या प्रयास किए गए। पुरस्कार देने का मुख्य मापदंड आईसीजेएस के माध्यम से अपराध की रोकथाम करना है। अपराधों के नियंत्रण में आईसीजेएस का उपयोग करते हुए मध्य प्रदेश पुलिस ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।





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