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एमपी ट्रांसको का नवाचार;अत्याधुनिक फोटे तकनीक से सबस्टेशनों में आटोमेशन और टेलीप्रोटेक्शन को मिलेगी नई मजबूती

ग्वालियर के महलगांव,मुरार, फूलबाग सहित छह सबस्टेशन शामिल, इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को प्रदेश में तीन जोन बनाकर पूरा किया जा रहा है

ग्वालियर। देश की अग्रणी विद्युत ट्रांसमिशन कंपनियों में से एक एमपी. पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी. ट्रांसको) ने एक और तकनीकी नवाचार करते हुए  220 केव्ही सबस्टेशन महलगांव ग्वालियर , 132 केव्ही सब स्टेशन मोतीझील ,मुरार, फूलबाग, तिघरा  सबस्टेशन  सहित अपने  प्रदेश के एकस्ट्रा हाई सबस्टेशनों में फाइबर ऑप्टिक टर्मिनल उपकरण (फोटे) तकनीक को स्थापित कर उसका उपयोग प्रारंभ कर दिया है। 

 रिमोट संचालित सबस्टेशन  132 केव्ही  जीआईएस में भी इस अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर उसके ऑटोमेशन को फोटे पर शिफ्ट कर दिया जायेगा। मध्यप्रदेश में यह तकनीक चरणबद्ध तरीके से विभिन्न सबस्टेशनों में लागू की जा रही है। ट्रांसमिशन एलीमेंट्स की सुरक्षा, संचार और निगरानी व्यवस्था को अधिक आधुनिक, तेज और विश्वसनीय बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है। 

        इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को प्रदेश में तीन जोन बनाकर पूरा किया जा रहा है। यह तकनीक अति उच्च-दाब सबस्टेशनों एवं एम.पी. ट्रांसकों से जुडे़ जनरेशन सबस्टेशनों में लागू की गई है। 

अब रियल टाइम मॉनिटरिंग हुई आसान

 एमपी ट्रांसको में इस प्रोजेक्ट की प्लानिंग और टेंडरिंग प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधीक्षण अभियंता  मनीष खरे ने बताया कि  फोटे एक अत्याधुनिक ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसका उपयोग फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क, उपकरणों और प्रणालियों के आटोमेशन, टेलीप्रोटेक्शन और ट्रांसमिशन एलिमेंटस की निगरानी के लिए किया जाता है। इस तकनीक की मदद से सबस्टेशनों में लगे ट्रांसफॉर्मर्स और अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों की निगरानी रियल टाइम में संभव हो सकेगी। भविष्य में इस प्रणाली से प्रोटेक्शन रिले की सेटिंग व फॉल्ट रिपोर्ट भी सेन्ट्रालाइज भी की जा सकेगी।

ट्रांसमिशन सिस्टम में ओपीजीडब्ल्यू के माध्यम से फोटे का सफल क्रियान्वयन

  प्रदेश के ट्रांसमिशन सिस्टम में ओ.पी.जी.डब्ल्यू (ऑप्टिकल ग्राउंड वायर) के माध्यम से फाइबर ऑप्टिक ट्रांसमिशन इक्विपमेंट (फोटे) का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। ट्रांसकों का डेडिकेटेड कम्यूनिकेशन सिस्टम होने के कारण इस तकनीक से एम.पी. ट्रांसकों प्रणाली के संचालन में रियल टाइम डेटा संप्रेषण, बेहतर निगरानी, तेज संचार और सायबर खतरों से उच्च सुरक्षा संभव हो सकी है ।