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जिला स्तरीय कार्यशाला बाल भवन में शुरू ; वन अधिकार समिति सदस्य अपने अधिकारों को अच्छे से समझें और उसका क्रियान्वयन करें ; कलेक्टर

ग्वालियर-चंबल संभाग की जिला स्तरीय वनाधिकार समितियों की दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित, संशोधित नियम 2012 के संबंध में विस्तार से प्रशिक्षण दिया

ग्वालियर। वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत दो दिवसीय ग्वालियर-चंबल संभाग की जिला स्तरीय वनाधिकार समितियों की कार्यशाला बाल भवन के सभागार में मंगलवार को प्रारंभ हुई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में प्रभारी संभागीय आयुक्त एवं कलेक्टर ग्वालियर रुचिका चौहान उपस्थित हुईं। उन्होंने जिला स्तरीय वन अधिकार समितियों के सदस्यों से कहा है कि वन अधिकार अधिनियम के बारे में अच्छे से प्रशिक्षण प्राप्त करें और अपने अधिकारों को पहचानें। 

बाल भवन में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिला स्तरीय वन अधिकार समिति के सदस्य के साथ ही सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग राकेश गुप्ता, संयुक्त आयुक्त केके पबिया, संयुक्त आयुक्त डोडियार के साथ ही मास्टर ट्रेनर प्रखर जैन, कमल किशोर, संदीप एवं संभागीय उपायुक्त जनाजाति कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास ग्वालियर खेड़कर उपस्थित थे। 

प्रभारी संभागीय आयुक्त एवं कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम की जानकारी गाँव में रहने वाले नागरिकों को मिले, इसके लिये ग्रामसभा के मुख्य एजेंडे में वन अधिकार अधिनियम को जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने प्रशिक्षण ले रहे सभी सदस्यों से आग्रह किया है कि प्रशिक्षण के दौरान वनाधिकार अधिनियम के संबंध में अच्छे से जानकारी प्राप्त करें और प्राप्त जानकारी से अपने क्षेत्र के नागरिकों को भी अवगत कराएं। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थी अगर कोई प्रश्न है तो उसको अवश्य पूछें ताकि उन्हें सही जानकारी मिल सके। 

कार्यशाला के प्रारंभ में संयुक्त आयुक्त जनजाति कार्य विभाग भोपाल केके पबिया ने कार्यशाला के उद्देश्य पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया विभाग के माध्यम से प्रदेश के हर संभाग में इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन कर वनाधिकार अधिनियम के संबंध में जागरूकता का कार्य किया जा रहा है। अगले चरण में जिला स्तर पर और ब्लॉक स्तर पर भी प्रशिक्षण आयोजित किए जायेंगे। प्रशिक्षण में आए मास्टर ट्रेनरों ने भी वनाधिकार अधिनियम 2006, वनाधिकार की मान्यता नियम 2008 और संशोधित नियम 2012 के संबंध में विस्तार से प्रशिक्षण दिया।