राजनीति

वायु प्रदूषण रोकने का संदेश; शहर को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त व हरा-भरा बनाने के लिये की प्रेरणादायी पहल: ऊर्जा मंत्री एक माह तक एसी में नहीं, टेंट में पंखे के बीच गुजारेंगे रात

मंत्री ई-स्कूटी से चलकर वायु प्रदूषण रोकने का देंगे संदेश, यह पहल शहर को प्रदूषण मुक्त करने में मदद करेगी और आने वाली पीढ़ियों को बेहतर पर्यावरण हम उपलब्ध करा पायेंगे

ग्वालियर शहर को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त और हरा-भरा बनाने के लिये ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विशेष पहल की है। एयर कंडीशनर (एसी) के अंधाधुंध इस्तेमाल से बड़े पैमाने पर पैदा हो रहे हानिकारक कार्बनडाइ ऑक्साइड उत्सर्जन के प्रति शहरवासियों को सजग व सचेत करने के उद्देश्य से ऊर्जा मंत्री ने रात में सोते समय एक माह तक एसी का उपयोग न करने का फैसला किया है। तोमर उपनगर ग्वालियर में कांचमिल स्थित अपने निवास के सामने वाले पार्क में टेंट लगाकर पंखे के सहारे रात गुजारेंगे। उन्होंने यह कदम पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया है। 

मंत्री तोमर ग्वालियर ही नहीं, भोपाल अथवा अन्य शहरों के प्रवास के दौरान भी पंखे के बीच ही रात गुजारेंगे। उन्होंने शहरवासियों को वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण के प्रति सजग करने के लिये स्वयं एक माह तक ई-स्कूटी से चलने का फैसला भी लिया है। साथ ही शहरवासियों से अपील की है कि वे इस पुनीत पहल में शामिल होकर शहर को प्रदूषण मुक्त व साफ-सुथरा बनाने के लिये आगे आएं। 

ऊर्जा मंत्री तोमर सोते समय एसी का इस्तेमाल न करने के निर्णय के पीछे के कारणों को बताते हुए कहते हैं कि ग्वालियर शहर की लगभग 15 लाख की आबादी में करीबन एक लाख लोग एसी का इस्तेमाल करते हैं। यदि ग्वालियर शहरवासी हर दिन मात्र एक घंटे एसी न चलाएँ तो हर दिन लगभग 167 टन और हर महीने करीबन 5010 टन कार्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन कम किया जा सकता है। इससे शहर की आवोहवा में उल्लेखनीय सुधार होगा। इसलिए उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि वे प्रतिदिन एक घंटे एसी न चलाने का संकल्प लें। इससे हर दिन शहर में 167 टन और महीने भर में 5010 टन कार्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा। यह पहल अपने शहर को प्रदूषण मुक्त करने में बड़ी मदद करेगी और आने वाली पीढ़ियों को बेहतर पर्यावरण हम उपलब्ध करा पायेंगे। 

  विशेषज्ञों द्वारा किए गए अध्ययन के आधार पर तोमर बताते हैं कि लगभग डेढ़ टन का स्पिलिट एसी एक मध्यम आकार के कमरे को ठंडा करने के लिये हर दिन लगभग 8 घंटे इस्तेमाल होता है। इससे करीबन 14.4 यूनिट बिजली खर्च होती है। इस प्रकार एक माह में लगभग 432 यूनिट एक एसी के इस्तेमाल पर खर्च हो जाती है। इतनी बिजली बनाने में करीबन 384 kg कोयला खर्च होता है। एक माह में 8 घंटे तक चले एक एसी से मानव शरीर के लिये हानिकारक लगभग 401 किलोग्राम कार्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। 

छोटे-छोटे बदलाव लाकर शहर को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त बनाने में बनें सहभागी 

ऊर्जा मंत्री तोमर ने शहरवासियों से अपील की है कि वे अपनी आदतों में छोटे-छोटे बदलाव लाकर शहर को साफ-सुथरा एवं प्रदूषण मुक्त बनाने में सहभागी बनें। ऊर्जा मंत्री तोमर ने आग्रह किया है कि थोड़ी – बहुत दूरी को साइकिल अथवा पैदल चलकर तय करने को अपनी आदत में शुमार करें। बिजली- पानी की बचत करें। प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें। यदि हम ऐसा कर पाए तो निश्चित ही हमारी धरा स्वच्छ, सुरक्षित व हरी-भरी होगी।