
भोपाल सहकारी दुग्ध संघ द्वारा प्रारंभ की आधुनिक मोबाइ - प्रयोगशाला “सांची रथ” उपभोक्ताओं को दूध एवं दुग्ध उत्पादों की शुद्धता की जानकारी देने भोपाल शहर की विभिन्न कॉलोनियों का दौरा कर रही है। इस प्रयोगशाला में नवीनतम तकनीकी उपकरणों की सहायता से दूध, दही, पनीर, घी आदि के नमूनों की जांच मौके पर की जाती है और जांच रिपोर्ट उपभोक्ताओं को तत्काल व्हाट्सएप व मोबाइल के माध्यम से भेजी जाती है। यह अभियान “दूध का दूध – पानी का पानी” के नाम से संचालित किया जा रहा है।
इस अभियान के पहले चरण की शुरुआत 07 जून को फॉर्च्यून सिग्नेचर सोसायटी, बावडियाकला एवं इंडस गार्डन सोसायटी, रोहित नगर से हुई, जहाँ कुल 44 नमूनों की जांच की गई। इनमें 12 नमूने अमानक पाए गए, जिनमें से 5 नमूनों में स्टार्च तथा 7 में पानी की मिलावट पाई गई।
आज 14 जून को “सांची रथ” ने मीनाल रेसिडेंसी का दौरा किया, जहाँ कुल 42 नमूनों की जांच की गई। इनमें 24 नमूने अमानक पाए गए। विशेष रूप से, 20 नमूनों में पानी की मिलावट पाई गई, जबकि 4 नमूनों में स्टार्च की मिलावट पाई गई। पानी की मिलावट उपभोक्ता स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकती है, विशेषकर यदि वह संदिग्ध या दूषित स्रोत से प्राप्त किया गया हो।
“पानी की मिलावट को हल्के में नहीं लेना चाहिए"
भोपाल दुग्ध संघ के सीईओ प्रीतेश जोशी ने इस अवसर पर कहा- “पानी की मिलावट को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यदि यह अशुद्ध स्रोत से है, तो यह विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है। हम सभी उपभोक्ताओं से आग्रह करते हैं कि केवल ब्रांडेड, पैकेज्ड एवं विश्वसनीय स्रोत से ही दूध एवं दुग्ध उत्पादों का उपभोग करें।”
उन्होंने ने यह भी बताया कि उपभोक्ताओं द्वारा इस पहल की सराहना की जा रही है क्योंकि अब उन्हें अपने दूध की शुद्धता की जांच अपने घर के पास ही करवाने का अवसर मिल रहा है। इस पहल से न केवल जनजागरूकता बढ़ेगी, बल्कि मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ा संदेश भी जाएगा।
भोपाल दुग्ध संघ की यह पहल उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने, खाद्य शुद्धता सुनिश्चित करने और ब्रांड "सांची" की गुणवत्ता को स्थापित करने की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध हो रही है।