
ग्वालियर । श्री श्री 1008 बाबा हीरामन (भुमिया) का मेला का आयोजन सत्यनारायण की टेकरी, घोसीपुरा, ग्वालियर पर बड़ी श्रद्धा भक्तिभाव के साथ सुंदरकाण्ड, हवन पूजन, कन्या पूजन और कन्या भोज के आयोजन के साथ हुआ। इसके बाद सर्पदंश और कंठमाल बिषबेल के बंध कांटना प्रारंभ हुए। मेला समारोह का आयोजन 31 अगस्त को भजन कीर्तन के साथ हुआ। इस मेला समारोह में बहुत बड़ी संख्या में बंध कटवाने पीड़ित व्यक्ति दूर दूर से पहुँचे हैं। बंध देर रात्रि तक कांटे गये। श्रीबाबा हीरामन (भुमिया) के भगत अर्जुनसिंह प्रजापति द्वारा बंध कांटे गये।
हीराभूमिया के वार्षिक मेला के अवसर पर हीराभूमिया पहाड़िया घोसीपुरा पर सुंदरकाण्ड हुआ। इसके बाद हीराभूमिया के भगत ने हवन पूजन के बाद कन्या पूजन कर उन्हें भेंट दी, सभी कन्याओं भोजन कराया गया। तत्पश्चाप सर्पदंश, बिषबेल से पीड़ित लोगों के बंध कांटना प्रारंभ हुआ। इस मेला समारोह में इस बीमारी से पीड़ित सैकड़ों लोग शामिल हुए। मेला समारोह बिषबेल कंठमाल से पीड़ित लोगों के अलावा भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में दूर दूर से शामिल होने के लिये पहुँचे हैं । मेला में बिषबेल और कंठमाल के पीड़ित लोगों के बंध रातभर काटे गये। भगत अर्जुनसिंह प्रजापति ने महानगर के सभी धर्मप्रेमी जनता से हीरामन भुमिया के वार्षिक मेला समारोह में पहुंचकर लाभांवित होने का आग्रह किया था।
मंदिर की परिक्रमा लगाते ही बेहोश हो जाता है पीड़ित
उल्लेखनीय है कि सर्पदंश और कंठमाल बिषबेल से पीड़ित श्रीबाबा हीरामन भूमिया के मंदिर की परिक्रमा करते ही बेहोश भी हो जाता है। बेहोश होने पर पीडित के परिजन हाथों में लेकर परिक्रमा करवाते है। उसके बाद मंदिर के सम्मुख लाने पर भगतजी द्वारा झाड़ा दिया जाता है, तब पीड़ित व्यक्ति तत्काल होश में आ जाता है।
इस अवसर पर श्रीबाबा हीरामन (भुमिया) स्मृति सेवा समिति ग्वालियर के मेला समारोह के मेला प्रभारी जवाहर प्रजापति, नारायण प्रजापति, हेमसिंह रौतेले, दौलतराम, बालमुकुंद, मेला स्वागताध्यक्ष रामनरेश राठौर, रामलखन वर्मा, रामवरण सिंह गुर्जर, गोपाल प्रजापति, पूरनचंद्र शिवहरे, पप्पू कुशवाह, प्रेमसिंह राजौरे, सूबेदार, बच्चू चौहान, भग्गीसिंह कुशवाह, दिलीपसिंह कुशवाह, राजू रौतेले, सोहनसिंह कुशवाह, दीना ठेकेदार, मदन प्रजापति, सीताराम बाथम भगतजी, रिंकू राठौर, केशव प्रसाद पण्डित, रामेश्वर भगतजी, रमेश रौतेले, प्रहलाद प्रजापति, करन कुशवाह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।थे।