टॉप न्यूज़

ग्वालियर में पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार और वाटर लेवल बढ़ाने के लिये कार्ययोजना तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजी जायेगी: सांसद कुशवाह

केन्द्र सरकार के जल शक्ति मिशन के विशेषज्ञों ने बैठक में दी महत्वपूर्ण जानकारी, कहा- ग्वालियर में जल संरक्षण और संवर्धन की अपार संभावनायें हैं

ग्वालियर। जल शक्ति मिशन भारत सरकार के वरिष्ठ विज्ञानविद् डॉ. राकेश सिंह की उपस्थिति में क्षेत्रीय सांसद भारत सिंह कुशवाह ने ग्वालियर जिले की पेयजल योजनाओं के संबंध में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि ग्वालियर के तालाबों के सौंदर्यीकरण एवं ग्राउण्ड वाटर के विस्तार के लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर शासन को भेजी जाए ताकि भारत सरकार के माध्यम से ग्वालियर में पेयजल प्रबंधन हेतु धनराशि उपलब्ध हो सके। 

ग्वालियर की परियोजनाओं को तैयार करते हुए सभी संबंधित विभागों के सामंजस्य के साथ कार्ययोजना में सभी पहलुओं को जोड़ा जाए ताकि ग्वालियर को अधिक से अधिक लाभ हो सके। क्षेत्रीय सांसद  भारत सिंह कुशवाह ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में यह बात कही। जल शक्ति मिशन भारत सरकार के विशेषज्ञ डॉ. राकेश सिंह ने ग्वालियर में उपलब्ध जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार के साथ-साथ ग्राउण्ड लेवल वाटर के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में जल संरक्षण और संवर्धन की अपार संभावनायें हैं। इसके लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर भेजें, ताकि केन्द्र सरकार के माध्यम से ग्वालियर की परियोजनाओं को मंजूरी मिल सके। 

बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान, नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय सहित जल संसाधन विभाग, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 

ग्वालियर सांसद कुशवाह ने बताया कि केन्द्र सरकार के दल ने ग्वालियर में भ्रमण कर पुराने तालाबों का अवलोकन किया है। इनमें वीरपुर तालाब, मामा का तालाब, हनुमान बांध एवं रायपुर बांध का अवलोकन कर बांधों के जीर्णोद्धार के साथ- पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की संभावनाओं पर भी अपनी बात रखी है। इन बांधों के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार के लिये जिला स्तर से एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर भेजी जाए, ताकि केन्द्र सरकार के माध्यम से स्वीकृति प्राप्त हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्रीय जल शक्ति मिशन के माध्यम से ग्वालियर के 25 शासकीय बड़े भवनों पर वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य करने की स्वीकृति प्रदान की है। इन भवनों का चयन कर शीघ्र प्रस्तुत करें ताकि वर्षा पूर्व इन पर कार्य हो सके और वर्षा का अधिक से अधिक जल संरक्षित किया जा सके। 

बैठक में विशेषज्ञ डॉ. राकेश सिंह ने कहा कि ग्वालियर शहर में वार्डवार उपलब्ध जल स्त्रोतों, जल की गुणवत्ता एवं वाटर लेवल की जानकारी एकत्र की जाना चाहिए ताकि कार्ययोजना में इसका उपयोग किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि ग्वालियर में स्वर्ण रेखा नदी एवं मुरार नदी के मध्य का क्षेत्र वाटर हार्वेस्टिंग के लिये उपयुक्त स्थान है। इस क्षेत्र में अधिक से अधिक वाटर रीचार्जिंग का कार्य हाथ में लेना चाहिए। इसके साथ ही शासकीय स्तर के साथ-साथ निजी क्षेत्र के लोग भी वाटर हार्वेस्टिंग के कार्य को अपनाएं। ऐसे प्रयास किए जाना चाहिए। 

कलेक्टर चौहान ने बैठक में कहा कि ग्वालियर में पुराने जलाशयों के जीर्णोद्धार के साथ-साथ वाटर हार्वेस्टिंग के कार्य को भी प्राथमिकता देते हुए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जायेगी। प्रारंभिक तौर पर शहर के प्रमुख बड़े शासकीय भवनों पर वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य हो, इसकी सार्थक पहल भी की जायेगी। 

नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय ने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा शहरी क्षेत्र में जल स्त्रोतों की जानकारी शीघ्र ही निगम के माध्यम से उपलब्ध कराई जायेगी। इसके साथ ही वाटर हार्वेस्टिंग कार्य को भी निगम के माध्यम से किया जायेगा। 

कार्यपालन यंत्री सेतु विकास निगम ने भी बैठक में कहा कि ग्वालियर जिले में जितने भी ओवर ब्रिज बने हैं, उनमें किस प्रकार से वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य किया जा सकता है उसे भी विभागीय स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर कराया जायेगा।