ग्वालियर शहर में 100 से अधिक स्कूल ऐसे हैं जिनकी मान्यता पर तलवार लटकी हुई है। तारीख बढ़ाने के बावजूद भी यह स्कूल शिक्षा विभाग को किरायानामा नहीं दे पाए और ना ही ऑनलाइन आवेदन कर पाए हैं ,इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों की मान्यता समाप्त करने का मन बना लिया है। वहीं मध्यप्रदेश की बात करें तो स्कूलों की संख्या 600 से अधिक बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि स्कूल की मान्यता बढ़वाने के लिए स्कूल संचालकों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है इसके साथ ही ऐसे स्कूल जो किराए की इमारत में संचालित होते हैं इन्हें स्कूल शिक्षा विभाग में किरायानामा जमा करना होता है उसके बाद ही स्कूल संचालित करने के लिए मान्यता मिल पाती है। वर्ष 2017 में सरकार ने इस किराए नामे में 3 वर्ष की छूट भी दी थी मगर कई स्कूल संचालकों ने इस दौरान भी किरायानामा तैयार नहीं किया लेकिन इस बार शासन ने ऐसी कोई छूट नहीं दी है। शहर में 100 से अधिक स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने ना तो ऑनलाइन आवेदन किया है और ना ही किरायानामा प्रस्तुत कर पाए हैं।
कोरोना के कारण कई स्कूल तो स्वतः ही बंद हो गए
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में कोरोनावायरस संक्रमण फैलने के कारण अभिभावकों ने बच्चों की फीस जमा करना बंद कर दिया । पैसों के अभाव में किराए के भवन में संचालित कई स्कूल तो अपने आप ही बंद हो गए। सूत्रों ने बताया कि स्कूलों के बच्चे या तो दूसरे निजी स्कूलों में चले गए हैं या उन्होंने शासकीय स्कूलों में दाखिला ले लिया है । सूत्र बताते हैं कि मान्यता नहीं लेने वाले स्कूलों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं इन्हें अपील करने का भी मौका दिया जा रहा है। इसके बाद ही इनकी मान्यता समाप्त की जाएगी।
इनका कहना है
ग्वालियर शहर में मान्यता नहीं लेने वाले ऐसे स्कूलों की संख्या 100 से अधिक है। अगर स्कूल संचालकों ने मान्यता की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया तो उनकी मान्यता समाप्त कर दी जाएगी। मार्च 2022 के बाद तक भी स्कूल का संचालन बिना किसी मान्यता के नहीं होगा। इन स्कूल संचालकों के पास नियम के अनुसार जमीन और भवन होना चाहिए तभी स्कूलों का संचालन होगा।
आर के उपाध्याय संयुक्त निदेशक लोक शिक्षण संचालनालय
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