आज पुलिस कंट्रोल रूम ग्वालियर सभागार में जी पी सिंह (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग ) भोपाल द्वारा ग्वालियर चंबल जोन के समस्त पुलिस अधीक्षकों की बैठक लेकर समंस वारंट तामिली की समीक्षा की गई। बैठक के प्रारंभ में उनके द्वारा उपस्थित अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया तदुपरांत न्यायालय के लंबित समंस वारंट की जिलेवार समीक्षा की और लंबित रहने का कारण जाना। बैठक में अनिल शर्मा पुलिस महा निरीक्षक ग्वालियर जोन, अमित सांघी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर के अलावा ग्वालियर चंबल जोन के पुलिस अधीक्षक गण उपस्थित रहे। बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भोपाल द्वारा ग्वालियर चंबल जोन के उपस्थित पुलिस अधीक्षकों से कहा कि समंस वारंट तामिली को लेकर न्यायालय बहुत गंभीर है इसलिए पुलिस कर्मियों के समंस वारंट शत-प्रतिशत तामील होना चाहिए, यदि कोई पुलिस अधिकारी या कर्मचारी न्यायालय द्वारा जारी वारंट के बावजूद भी पेशी पर उपस्थित नहीं हो रहा है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाए तथा अन्य जिलों में स्थानांतरित हो चुके पुलिसकर्मियों के समंस वारंट उस जिले के एसपी को पत्र भेजकर तामील कराए जाएं। बैठक में उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में संधारित किए गए समंस वारंट रजिस्टर का पुलिस अधीक्षक द्वारा समय-समय पर अवलोकन किया जाए एवं लंबित समंस वारंट की तामील हो तो संबंधित को निर्देशित किया जाना चाहिए। वारंट तामील ना जाए इसके लिए यथासंभव प्रयास करने की आवश्यकता है। बैठक में उन्होंने कहा कि समंस वारंट प्राप्त होते ही उनकी तामिली के ईमानदारी से प्रयास किए जाने चाहिए तथा उन्हें अनावश्यक लंबित ना रखा जाए। इस अवसर पर उन्होंने समंस वारंट की तामील अधिक से अधिक किए जाने हेतु उपस्थित पुलिस अधीक्षक गणों से सुझाव भी मांगे गए जिससे समंस वारंट शत-प्रतिशत नियत दिनांक से पूर्व तामिल कराया जा सके। उपस्थित पुलिस अधीक्षक गणों से उन्होंने कहा कि अपने अपने जिले को कोर्ट मोहर्रर एवं कोर्ट मुंशीयों की भी प्रतिमाह बैठक ली जाकर न्यायालय से प्राप्त समंस वारंट की समीक्षा की जानी चाहिए तथा सेवानिवृत्त हो चुके शासकीय सेवकों को भी नियत दिनांक को माननीय न्यायालय में पेशी पर उपस्थित करने हेतु पाबंद किया जाए। बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भोपाल ने कहा कि चिन्हित अपराधों की विवेचना उच्च स्तर की होनी चाहिए जिससे आरोपी बच न सके और उसे न्यायालय से सजा दिलाई जा सके। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डीएनए रिपोर्ट की वजह से कोई प्रकरण अनावश्यक लंबित ना रखा जाए यदि किसी प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट की आवश्यकता है तो पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर प्राथमिकता के आधार पर डीएनए रिपोर्ट प्राप्त की जाए। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भोपाल द्वारा सायं क्षेत्रीय न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला ग्वालियर तथा जोनल अपराध अनुसंधान विभाग सीआईडी का निरीक्षण किया गया तथा उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। आरएफएसएल ग्वालियर मे स्थापित होने वाली डीएनए लैब का भी निरीक्षण किया गया इस दौरान आर एफ एस एस एल प्रभारी डॉक्टर अखिलेश भार्गव व अन्य वैज्ञानिक व अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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