ग्वालियर । जनकवि मुकुट बिहारी सरोज सम्मान 2022 से हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार, कवि, गीतकार, ग़ज़लकार एवं आलोचक देवेन्द्र आर्य (गोरखपुर) को अभिनंदित किया जाएगा। वरिष्ठ साहित्यकारों की ज्यूरी से परामर्श बाद लिए इस निर्णय की जानकारी सरोज स्मृति न्यास सचिव सुश्री मान्यता सरोज ने दी।
न्यास के अनुसार देवेन्द्र आर्य हमारे समय के एक ऐसे जागरूक रचनाकार व सोशल एक्टिविस्ट हैं जिनके साहित्य के केंद्र में जन है। वे किसी बंधी-बंधाई लीक पर चलने वाले कवि नहीं हैं बल्कि वक्त एवं परिस्थितियों के अनुरूप और अनुकूल कहन को रचते हैं और अपना मुहावरा स्वयं गढ़ते हैं। लोकतांत्रिक समाज के मूल्यों के प्रति समर्पित, हर तरह की असमानता का डटकर विरोध करने वाले, बेधड़क और निडर देवेन्द्र आर्य ने हर विधा में अपनी खुद की शैली, भाषा, वर्तनी और बुनावट गढ़ी है और साहित्य को समृद्ध किया है।
गोरखपुर (उत्तरप्रदेश) में 16 जून 1957 में जन्मे देवेन्द्र आर्य ने शिक्षा-दीक्षा के पश्चात भारतीय रेल सेवा को 1979 में जॉइन किया और 2017 में रिटायर हुए। उनकी प्रकाशित पुस्तकों में- चार गीत संग्रह- खिलाफ़ ज़ुल्म के, धूप सिर चढ़ने लगी, सुबह भीगी रेत पर, सपने कौन ख़रीदेगा, पाँच ग़ज़ल संग्रह- किताब के बाहर, ख़्वाब ख़्वाब ख़ामोशी, उमस, मोती मानुष चून, जो पीवे नीर नैना का, मन कबीर, छः कविता संग्रह- आग बीनती औरतें, प्रयोगशाला में पृथ्वी, मैं लिखता तो ऐसे लिखता, पैदल इंडिया, रंगयो जोगी कपड़ा, देवेंद्र आर्य- चयनित कविताएं, एक आलोचना पुस्तक- शब्द असीमित, दो संपादन- प्रतिमाओं के पार (कवि -आलोचक डॉ परमानंद श्रीवास्तव पर एकाग्र) तथा देवेंद्र कुमार (बंगाली जी) की प्रतिनिधि रचनाएँ आधुनिक हिंदी कविता के प्रथम दलित कवि देवेंद्र कुमार बंगाली शामिल हैं।
उन्हें केंद्र सरकार का मैथिली शरण गुप्त पुरस्कार एवं उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का विजयदेव नारायण साही नामित कविता पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। साहित्य के साथ साथ रंगमंच से भी उनका गहरा जुड़ाव रहा है। अभिनय के साथ- साथ, नाट्य रूपांतरण एवं डायरेक्शन से भी वे जुड़े रहे हैं। जनकवि मुकुट बिहारी सरोज स्मृति न्यास ने इस सम्मान को स्वीकारने के लिए देवेन्द्र आर्य के प्रति आभार व्यक्त किया है।
If you have any objection regarding any news then you may please contact at gwaliorbreaking@gmail.com or +91-6262626200.
Copyright © 2020-21, All Rights Reserved