दो वर्ष से ऑनलाइन परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों को अब ऑफलाइन परीक्षा होने पर पास होम के लिए नकल का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला आज जीवाजी विश्वविद्यालय का आया जब एक छात्र जूतों में नकल लेकर पहुंच गया। जीवाजी विश्वविद्यालय के परीक्षा भवन में बीएससी तृतीय वर्ष के एक विद्यार्थी को नकल करते हुए पकड़ लिया। वह जूते में नकल छिपाकर लाया था और एक-एक करके पर्चियां बाहर निकला रहा था और कापी में छिपाकर नकल कर रहा था। परीक्षा वीक्षक को शक हुआ तो उसकी तलाशी ली और उससे नकल बरामद की। वह हाथ से लिखी पर्चियां जुते में छिपाए हुए था। इसके अलावा परीक्षा भवन में नर्सिंग की छात्रा पर भी नकल का प्रकरण बनाया गया। साथ ही उड़न दस्ते ने भी नकल करते हुए विद्यार्थियों को पकड़ा और 6 नकल केस बनाए। विवि के परीक्षा भवन के रूम नं. 2 में निजी कालेज के विदयार्थी परीक्षा दे रहे थे। कमरे में ड्यूटी दे रहे वीक्षक को छात्र पर संदेह हुआ था तो वह उसके पास पहुंचे तो जांच की। वीक्षक छात्र को लेकर वरिष्ठ केंद्राध्यक्ष प्रो. संजय कुलश्रेष्ठ के पास लेकर पहुंचे। छात्र के खिलाफ नकल प्रकरण करने के निर्देश दिए। विद्यार्थी नकल केस नहीं बनाने की गुहार लगाने लगा। प्रो. कुलश्रेष्ठ ने पूछा कि नकल और तो नहीं है, छात्र के इंकार कर दिया। उसने जूते निकालने से मना कर दिया, लेकिन केंद्राध्यक्ष प्रो. नवनीत गरुण ने सख्ती से जूते निकालने के लिए कहा तो छात्र ने जूते निकाल दिए, लेकिन जूते के अंदर नकल नहीं थी। इसके बाद जब मौजे उतरवाए गए तो गाइड के तीन पर्च और हाथ से लिखी पर्चियां निकलीं। वहीं दूसरी ओर सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे की पाली में मेडिकल विश्वविद्यालय की एमएससी नर्सिंग की परीक्षा में छात्रा के खिलाफ नकल प्रकरण बनाया गया। छात्रा ने नकल की पर्चियां खिड़की से बाहर फेंक दी थी, जिन्हें बरामद कर लिया गया।
आधा घंटा देर से शुरू हुई परीक्षा
बीएससी तृतीय वर्ष की परीक्षा आधा घंटा देर से शुरू हो सकी। एमपी आनलाइन पर विद्यार्थियों का गलत डेटा अपलोड हुआ। बीएससी तृतीय वर्ष के गणित के पेपर में विकल्प के रूप में फाइनेंशियल मेथेमेटिक्स, मेकेनिक्स, स्टेटिक्स मेथड, मेथेमेटिक्स मॉडलिंग, लाइनर एंड कम्प्यूटर प्रोगरामिंग, गुड एंड सर्विस टैक्स एड कस्टम ड्यूटी जैसे छह विषय और थे। जब छात्रों से पूछा गया कि वह किस के छात्र हैं तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। एमपी आनलाइन से जो डाकेट मिली थी, उसमें बीएससी मेथ की परीक्षा में 217 छात्र एनराल थे। अलग-अलग विषय का जिक्र नहीं था। इसके बाद छात्रों से कहा गया कि वह जिस विषय का पेपर लेना चाहते हैं, लेकर हल करें और उन्हें विषय पता नहीं हैं तो कागज पर लिखकर दें और साईन करें। इस आपाधापी में 9:30 बज गए थे।
कुलपति पहुुंचे एमएलबी कॉलेज, फ्लाइंग ने बामौर ने नकल पकड़ी
जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी सोमवार को शासकीय एमएलबी कालेज का निरीक्षण किया। यहां व्यवस्थाएं ठीक मिलीं। इनके साथ प्रो हेमंत शर्मा मौजूद थे। इसके अलावा उड़न दस्ते बामौर सहित अन्य कालेजों में जाच की। बामौर और सुमावली गई विवि के उड़न दस्तेन ने शा. कॉलेज बामौर में दो नकल प्रकरण बनाए। दोपहर की पाली में प्रो. एसके गुप्ता और प्रो. स्वर्णा परमार ने मुरार गर्ल्स कॉलेज, झलकारी बाई कॉलेज, जेसी मिल कॉलेज और मानसिंह कॉलेज का निरीक्षण किया।
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