केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज ग्वालियर प्रवास के दौरान श्रीमन्त माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला व्यापारी संघ के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि इस बार कोरोना की तीसरी लहर के कारण भले ही ग्वालियर मेला का आयोजन न हो पाया हो लेकिन मेला के सभी छोटे बड़े व्यापारियों को राहत देने के लिए अतिशीघ्र ग्वालियर मेला परिसर में ग्रीष्मकालीन मेला लगाया जाएगा।
आज केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से ग्वालियर स्टेशन पर श्रीमन्त माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र भदकारिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष व प्रवक्ता अनिल पुनियानी, सचिव महेश मुदगल, संजय दीक्षित, उमेश उप्पल, कल्ली पण्डित ने भेंटकर आग्रह किया कि कोरोना प्रभावित व्यापारी समुदाय को राहत देने के लिए 20 अप्रैल से 20 जून तक प्रतिदिन सायं 6 से रात्रि 11 बजे तक 60 दिवसीय ग्रीष्मकालीन मेला लगाकर परंपरा को बनाए रखा जाए। सिंधिया ने इस आग्रह को अत्यन्त गंभीरता से लेते हुए मौके पर मौजूद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, भाजपा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी एवं मप्र बीज निगम के चेयरमेन मुन्नालाल गोयल को स्पष्टत: निर्देशित किया कि ग्रीष्मकालीन मेला लगाकर सवा सौ साल पुरानी ऐतिहासिक परंपरा को बनाए रखने के लिए तत्काल कदम उठाएं एवं संबन्धित विभागों व अधिकारियों से चर्चा कर मेला लगवाएं। मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र भदकारिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष व प्रवक्ता अनिल पुनियानी ने इस सहानुभूति पूर्ण पहल पर श्रीमन्त सिंधिया के प्रति विनम्र आभार व्यक्त किया है।
ज्ञातव्य है कि ग्वालियर मेला में इस वर्ष कुछ व्यापारीबन्धुओं ने अपनी दुकानें लगा ली थीं एवं मनोरंजन सेक्टर में भी झूले इत्यादि लगाए जा रहे थे लेकिन इसी बीच कोरोना की तीसरी लहर को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना की तीसरी लहर रहने तक मेला न लगाए जाने संबंधी गाइडलाइंस बनाई गई थी। एक जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय देते हुए मेला व्यापारी संघ के सदस्यों ने राज्य शासन के निर्देश का पालन करते हुए ग्वालियर मेला में दुकानों को लगाने की तैयारी स्वमेव ही स्थगित कर दी थी। मेला व्यापारी संघ चाहता है कि सिंधिया परिवार द्वारा करीब एक सदी पूर्व आरंभ किए गए व्यापार मेले की गौरवशाली परंपरा किसी भी सूरत में टूटनी नहीं चाहिए। कोरोना की तीसरी लहर बीत चुकी है। जनजीवन अब पटरी पर लौट आया है। नई गाइडलाइन में मेलों पर से प्रतिबंध भी हटा लिया गया है, लिहाजा आर्थिक मंदी के इस दौर में ग्वालियर अंचल के छोटे मझोले व्यापारियों को राहत व रोजगार देने के मकसद से ग्रीष्मकालीन मेला लगाने में अब कोई व्यवधान नहीं है। अप्रैल में बच्चों की परीक्षाएं खत्म होने के साथ गर्मियों की छुटि्टयां शुरू हो गईं हैं। इस अवधि में चुनाव जैसा कोई राजनीतिक आयोजन भी नहीं है। अब से पहले भी ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण ग्रीष्मकालीन मेला लगा चुका है। 20 अप्रैल से 20 जून तक प्रतिदिन सायं 6 से रात्रि 11 बजे तक 60 दिवसीय ग्रीष्मकालीन मेला लगाकर परंपरा को बनाए रखा जा सकता है।
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